डमरुआ डेस्क/मुंबई! मुंबई सेशन कोर्ट ने तीन महीने की बच्ची के यौन शोषण के आरोप में दोषी पाए गए ट्रांसजेंडर को फांसी की सजा सुनाई है। संभवत: यह पहला मौका है जब कोर्ट ने किसी ट्रांसजेंडर को सजाएं मौत दी है,जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है। अडिशनल सेशन जज एयू कदम ने यह फैसला सुनाया है। जज कदम ने ट्रांसजेंडर को नवजात बच्ची के रेप,हत्या और अपहरण के साथ पाक्सों के आरोपी में दोषी ठहराते हुए कहा कि दोषी शख्स को तब तक फांसी पर लटका कर रखा जाए। जब तक की उसकी मौत न हो जाए।
पैसे न देने पर किया बेटी का अपहरण!
कफ परेड पुलिस ने 24 वर्षीय आरोपी ट्रांसजेंडर कन्हैया उर्फ कन्नू दत्ता चौगुले के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 8 जुलाई 2021 में ट्रांसजेंडर को शिकायतकर्ता के घर में बेटी के जन्म की जानकारी मिली थी। ट्रांसजेंडर पैसे की मांग को लेकर झोपड़पट्टी इलाके में शिकायतकर्ता के घर गया था। चूंकि शिकायतकर्ता की माली हालत ठीक नहीं थी। इसलिए उसने ट्रांसजेंडर को पैसे देने से इनकार कर दिया था। इससे नाराज ट्रांसजेंडर ने शिकायतकर्ता की नवाजात बेटी का नौ जुलाई 2021 को अपहरण किया। फिर कफ परेड इलाके में स्थित खाडी में ले गया। जहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और पानी में डूबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने ट्रांसजेंडर और उसके साथी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 376 (बी,डी),363 201,34 और पाक्सो कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। गौरतलब है कि ट्रांजेडर गिरफ्तारी के बाद से जेल में है।