Damrua/रायगढ़। जिले के ओड़िसा बार्डर रेंगालपाली में आरटीओ उड़नदस्ता का चेकपोष्ट स्थित है जहां लगातार भारी वाहन चालकों से अवैध वसूली ‘‘गब्बर टैक्स‘‘ के अंदाज में वसूले जाने की बातें सामने आ रही हैं।
जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक यहां आरटीओ उड़नदस्ता के टीआई मनोज भारती की पोष्टिंग है, वैसे तो तीन महीने में उड़नदस्ता में ट्रांसफर हो जाते हैं लेकिन मनोज भारती रायगढ़ जैसे कमाउ चेकपोष्ट पर तीन महीने से ज्यादा टिक गए हैं, बताया जा रहा है कि लोकसभा आचार संहिता की वजह से उनका तबादला नहीं हुआ है, इसलिए ग्रेस पीरियड में उनके द्वारा अपने नाके पर हो रही अवैध वसूली को रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। उक्त संबंध में जब हमने चेक पोष्ट प्रभारी का पक्ष जानने के लिए संपर्क साधना चाहा तो काफी प्रयास के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका, हमारा प्रयास रहेगा इस खबर के अगले अंक तक उनसे संपर्क हो सके और उनका पक्ष भी लोगों के सामने आ सके।
वाहन चालक समझ रहे सरकार करा रही अवैध वसूली
यहां हो रही कथित अवैध वसूली का असर यहां बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ रहा है और उनकी सेहत बन रही है वहीं दूसरी ओर इन सबका बुरा असर सरकार की सेहत पर और खास तौर पर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की सेहत पर पड़ सकता है, क्योंकि वाहन चालकों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि यहां के लोग यही कह रहे हैं कि हमें अवैध वसूली का सौख नहीं है लेकिन सरकार को पैसा भेजना पड़ता है इसलिए मजबूरी में हमें यह सब करना पड़ रहा है। अब यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी हकीकत में सरकार के लिए ऐसा ही करते हैं जैसा की चर्चा हो रही है या फिर अपनी स्वयं की सेहत बनाने के लिए यह सब कर रहे हैं, इन बातों में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय हो सकता है। बहरहाल इस नाके पर वसूली और अवैध वसूली पर निगरानी रखने के लिए संबंधित विभाग और सरकार के स्तर पर निगरानी प्रणाली को दुरूस्त करने की आवश्यकता है।
कुछ बड़े ट्रांसपोटर्स को विशेष छूट
रायगढ़ सहित ओड़िसा के कुछ कोल ट्रांसपोर्टरों को इस नाके से विशेष सुविधा और छूट मिलने की चर्चा भी काफी हो रही है, बताया जा रहा है कि कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर अपने इशारे पर इस नाके को प्रबंधित कर रह हैं। हालांकि सरकारी तंत्र में ऐसे ट्रांसपोर्टर इस प्रकार कैसे हावी हो सकते हैं यह बात कुछ हजम नहीं होती है, लेकिन गाड़ी लाईन के व्यवसायी दबी जुबान पर चेक पोस्ट से इन तथाकथित बड़े ट्रांसपोर्टरों की नातेदारियों की खूब चर्चा कर रहे हैं.