सारंगढ़ डेस्क।।छेलपोरा और नौघटा इलाके में पोकलेन के पंजे से खोदे जा रहे अवैध खदानों पर डोलोमाइट पत्थर के गंभीर मसले पर जिला प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है हैरत की बात है की मीडिया में प्रकाशित समाचार और दिए जा रहे प्रमाण के बाद भी जिले के संवेदनशील कलेक्टर धर्मेश साहू और खनिज विभाग के तेज तर्रार अफसर शांत नजर आ रहे है लिहाजा आलम यह है की खनन माफिया छेलपोरा और नौघटा इलाके में जगह जगह अवैध खनन कर डोलोमाइट पत्थर का खुलेआम तस्करी कर धन कुबेर बनने की ओर अग्रसर है ।
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नौघटा इलाके में धडल्ले से किया जा रहा है डोलोमाइट का अवैध खनन,खनिज विभाग से कार्रवाई की उम्मीद
छेलपोरा में जांच करने पहुंचे अधिकारी तो क्रेशर संचालकों की खुल सकती है पोल
कटंगपाली में कई ऐसे क्रेशर संचालक है जिनके इशारे पर छेलपोरा और नौघटा में जगह जगह अवैध खनन किया जा रहा है कलेक्टर और खनिज विभाग को ठेंगा दिखाकर खनन माफिया बिना किसी भय के अवैध खनन का कार्य धडल्ले से कर अपने मंसूबे पर कामयाब हो रहे है बताना लाजमी होगा की रोजाना हजारों टन डोलोमाइट पत्थर निकासी कर कटंगपाली और नौघटा क्षेत्र से लगे क्रेशर उद्योगों में ट्रैक्टर के माध्यम से सपलाई किया जा रहा है जिसकी भनक अफसरों को लग जरूर रहा है लेकिन कार्रवाई करने की हिमाकत अब तक किसी ने नहीं किया।और यही कारण है की छेलपोरा और नौघटा में सुबह 6 बजे से अवैध खनन के कार्य का सूर्योदय हो रहा है।
मीडिया हाउस से जुड़े लोग भी काफी सक्रिय
कटंगपाली में देश के चौथे स्तंभ का दर्जा प्राप्त मीडिया या पत्रकारिता के संस्थान से जुड़े लोग अवैध खनन के कार्यों में बेहद सक्रिय भूमिका अदा कर रहे है छेलपोरा में भी इनकी भूमिका बेहद संदिग्ध है सबसे बड़ा सवाल यह उत्पन्न होता है की ऐसे माफिया तंत्रों के विरुद्ध अफसर गंभीरता नही दिखाते जिसका खामियाजा शासन को भुगतना पड़ता है. मीडिया हाउस से जुड़े होने का लाभ उठाकर रशुख्दार अवैध खनन कर प्रत्येक वर्ष लाखो का मुनाफा कमा रहे है जबकि इससे सीधे तौर पर शासन को लाखो के राजस्व की क्षति हो रही है।