जांजगीर चाम्पा लोकसभा मे आठ दिनों मे बदल गई तस्वीर?
लोक सभा के सभी आठ सीटों पर विधानसभा सभा चुनाव मे कांग्रेस को मिली जीत से कांग्रेस ग़दद थी! और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जिस तरह से डम्मी प्रत्याशी की भूमिका मे नजर आ रहे है उससे कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी जीत सुनिश्चित लग रही थी!
परन्तु द्वितीय चरण के मतदान के बाद, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव सहित अन्य नेताओं की सक्रियता जांजगीर लोक सभा मे बढ़ी है |
उससे कांग्रेस के दिग्गज तक दबी जबान मे हार स्वीकार करने लगे है |
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने जांजगीर चाम्पा और सक्ति जिला के सभी छह सीट मे कांग्रेस की हार को निश्चित मना | उनके आकलन की बात करें तो जांजगीर चाम्पा, सक्ति, अकलतरा से करीब 50 हजार की लीड भाजपा को मिल रही है, वही पामगढ और चंदरपुर मे अंतर 10000 के करीब होगा! जैजपुर विधानसभा बराबर पर छूटेगा | ऐसे मे सारा दारोमदार कसडोल और बिल्लाईगड विधानसभा मे होंगी, जहा पर भी कांग्रेस की स्थिति चिंता जनक है |
ऐसे मे कांग्रेस कार्यकर्ताओ का मानोबल बहुत कमजोर दिख रहा है।कहा भी गया है
कहा भी गया है
मनके जीते जीत है, और मनके हारे हार
कमजोर मनोबल के सेना के साथ शिव डहरिया की हार अब हर कांग्रेसी को दिखाने लगी है |
एक तरफ जहा भाजपा के दोनों उपमुख्य मंत्री सहित प्रदेश के बड़े नेता गांव -गांव,गली -गली बूथ से लेकर मंडलस्तर के कार्यकर्ताओ से मिल कर नया जोश भरकर मतदान की तैयारी कर रहे है वही दूसरी तरफ आपने पुराने ढार्रे पर चलते कांग्रेशी नेता होटलो के ए सी कमरों मे बैठ कर अभी भी रणनीति ही बना रहे है |
ऐसे भी कहा जाता है कांग्रेस मे कार्यकर्त्ता नहीं नेता अधिक रहते है जो धुप गर्मी मे काम नहीं कर सकते |