सिवनी वितरण केंद्र की लापरवाही बनी संकट की जड़, रातभर अंधेरे में डूबा सबसे बड़ा गांव —
जांजगीर-चांपा | 08 जून सिवनी विद्युत वितरण केंद्र की अनियमित और लचर कार्यप्रणाली अब जन आक्रोश में बदलने लगी है। शनिवार रात 12 बजे से बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्यवाही या जवाबदेही सामने नहीं आई।
ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति अब सहन के बाहर है और यदि जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
🔹 केवल दो शिफ्ट में सीमित ड्यूटी — तीसरी शिफ्ट की मांग अनसुनी
ड्यूटी शेड्यूल केवल दो शिफ्टों तक सीमित है। रात्रि 12 बजे के बाद यदि बिजली बंद होती है तो सुबह 10 बजे से पहले कोई सुधार कार्य शुरू नहीं हो पाता। इस अंतराल में पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहता है।
तीसरी शिफ्ट लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन विभागीय लापरवाही अब जन रोष का कारण बन रही है।
🔹 सिवनी — सबसे बड़ा विद्युत उपभोग क्षेत्र
सिवनी ग्राम न केवल जांजगीर-चांपा, बल्कि नवगठित सक्ती जिले के सबसे बड़े बिजली उपभोक्ता क्षेत्रों में गिना जाता है। यहां बड़ी जनसंख्या, व्यवसाय, सरकारी दफ्तर, विद्यालय और सैकड़ों कृषि पंपों की निर्भरता बिजली पर है।
इतने बड़े क्षेत्र को ठेका कर्मचारियों के भरोसे छोड़ देना प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक है।
🔹 Y फेज का फॉल्ट, पर अधिकारी नदारद
33 केवी लाइन में Y फेज न आने की वजह से सबस्टेशन ट्रांसफार्मर प्रभावित हुआ, पर विभाग के जेई और एई जैसे अधिकारी फील्ड में नजर नहीं आए। जवाबदेही की जगह केवल एक-दूसरे पर दोषारोपण किया जा रहा है।
🔹 संपर्क विहीन व्यवस्था — जनता बेहाल
जब ग्रामीण जवाब मांगने वितरण केंद्र पहुंचे तो न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी मिला, न ही कोई संपर्क नंबर कार्यालय परिसर में उपलब्ध था। यह स्थिति न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि संकट के समय जनता को बेसहारा छोड़ने के समान है।
जन आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि जल्द ही:
तीसरी शिफ्ट चालू नहीं की जाती,
अधिकारियों की उपस्थिति और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं होती,और क्षेत्रीय समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिलता,
सिवनी जैसे महत्वपूर्ण विद्युत क्षेत्र की लगातार उपेक्षा अब संकट की स्थिति में पहुंच चुकी है। यदि विभाग ने समय रहते चेतावनी को नहीं समझा, तो अगला कदम सड़क पर उतरकर संघर्ष करना होगा — जिसकी ज़िम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ विद्युत विभाग की होंगी