गुडेली, सरंगढ़-बिलाईगढ़ – गुडेली ग्राम पंचायत में सरपंच चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार विकास और बदलाव की नई लहर लेकर कौशिक साहू मैदान में हैं। उनका चुनाव चिन्ह ‘चश्मा’ गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
गांव के विकास के लिए संकल्पित कौशिक साहू
कौशिक साहू का मानना है कि गांव की तरक्की के लिए पारदर्शिता, मजबूत योजना और जनता की भागीदारी जरूरी है। उनका लक्ष्य गुडेली को एक आदर्श ग्राम बनाना है, जहां हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं मिलें।
‘चश्मा’ चुनाव चिन्ह का खास संदेश
कौशिक साहू का चुनाव चिन्ह ‘चश्मा’ साफ दृष्टिकोण और दूरदर्शिता का प्रतीक है। उनका कहना है कि “गांव की समस्याओं को सही नजरिए से देखने और उनका स्थायी समाधान निकालने के लिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं।”
चुनावी वादे और प्राथमिकताएं
अगर कौशिक साहू को जनता का समर्थन मिलता है, तो उनकी प्राथमिकताएं होंगी:
✅ हर गली तक पक्की सड़क और साफ नाली की व्यवस्था
✅ हर घर में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता
✅ शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाना
✅ गांव के युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
✅ सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन और भ्रष्टाचार पर रोक
गांव में चुनावी माहौल, ‘चश्मा’ की बढ़ती लोकप्रियता
गांव के हर कोने में अब ‘चश्मा’ चुनाव चिन्ह की चर्चा हो रही है। प्रचार अभियान में कौशिक साहू खुद लोगों के बीच जाकर संवाद कर रहे हैं। ग्रामीणों का भी कहना है कि उन्हें अब एक ऐसे सरपंच की जरूरत है, जो विकास के हर पहलू को साफ नजरिए से देखे और ठोस कदम उठाए।
क्या कहती है जनता?
गांव के एक बुजुर्ग का कहना है, “चश्मा चिन्ह बहुत अच्छा है, इसका मतलब है कि नेता को साफ-साफ दिखना चाहिए कि गांव की दिक्कतें क्या हैं और उन्हें कैसे सुलझाना है। कौशिक साहू का विचार अच्छा है, इसलिए हम उन्हें समर्थन देंगे।”
गुडेली का फैसला जल्द, क्या ‘चश्मा’ दिखाएगा कमाल?
गुडेली पंचायत के चुनावी नतीजे जल्द ही सब कुछ साफ कर देंगे। क्या जनता इस बार ‘चश्मा’ को अपना आशीर्वाद देगी? क्या कौशिक साहू अपने सपनों का गुडेली बना पाएंगे? ये तो चुनाव के बाद ही तय होगा, लेकिन एक बात साफ है – इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है!
