Damrua

एचसीएस अधिकारी पर कर्मचारी का शारीरिक शोषण करने का आरोप, महिला पुलिसकर्मियों से यौन शोषण के मामले में आईपीएस अधिकारी पर भी जांच तेज

शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पुलिस महानिदेशक और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी शिकायत, मामले में वीडियो भी अटैच

हरियाणा hariyana News।।प्रदेश में एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एचसीएस अधिकारी पर कर्मचारी के शारीरिक शोषण के आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 2020 से मसाज का काम कर रहा था और ठेका प्रथा के तहत उसे नौकरी मिली थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, वह एचसीएस अधिकारी के संपर्क में आया और उसे मसाज करने के लिए बुलाया गया। शुरुआत में यह सामान्य था, लेकिन बाद में अधिकारी ने उसका शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया और पिस्तौल दिखाकर धमकाने का आरोप भी लगाया। इसके बाद, पीड़ित ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पुलिस महानिदेशक और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को अपनी शिकायत भेजी, जिसमें शारीरिक प्रताड़ना की वीडियो भी अटैच की है।

 

इस मामले में एचसीएस अधिकारी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है और दावा किया है कि उसके पास कोई पिस्तौल नहीं है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत पर उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है।

 

आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप:

 

वहीं, प्रदेश में एक और बड़ा मामला सामने आया है, जहां आईपीएस अधिकारी पर महिला पुलिसकर्मियों से यौन शोषण के आरोप लगे हैं। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने कहा कि सात महिला पुलिसकर्मियों, एक महिला एसएचओ और एक डीएसपी को आयोग के कार्यालय में बुलाया गया है, ताकि वे सच्चाई का खुलासा कर सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन महिला पुलिसकर्मियों के बयान के बाद मामले में सच्चाई सामने आएगी।

 

रेणू भाटिया ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई भी खुलकर सामने नहीं आया है, हालांकि आयोग को कुछ संदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी के खिलाफ तथ्य मौजूद हैं। महिला आयोग ने आईपीएस अधिकारी से भी इस मामले में बात की है और उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी की गलती नहीं पाई जाती तो आयोग सामने आकर बयान देगा और शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

 

महिला आयोग का स्पष्ट बयान:

 

रेणू भाटिया ने यह भी स्पष्ट किया कि महिला आयोग सच्चाई के साथ खड़ा है। यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है और किसी भी मामले में सत्य की खोज करना है।

 

इन दोनों मामलों ने प्रदेश में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अपराधों को उजागर किया है और यह सवाल खड़ा किया है कि क्या ऐसे मामलों में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सही ढंग से हो रही है।

 

Facebook
WhatsApp
Twitter
Telegram