इंटरनेट डेस्क:तेलंगाना में चुनावी माहौल गरमा गया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। पीएम मोदी ने हाल ही में अपने भाषण में तेलंगाना सरकार और विशेषकर केसीआर पर किसानों के मुद्दे को लेकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसान कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और तेलंगाना सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने के वादे को पूरा नहीं किया है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री केसीआर ने पीएम मोदी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि तेलंगाना के लगभग 22 लाख किसान कर्ज-मुक्त हैं। उन्होंने इसे राज्य सरकार की कृषि नीति की सफलता बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जिनमें रायतु बंधु और मुफ्त बिजली जैसी योजनाएँ शामिल हैं। केसीआर ने यह भी कहा कि पीएम मोदी के बयान में कई तथ्यात्मक त्रुटियाँ हैं और यह जमीनी हकीकत से दूर है।
यह बयानबाजी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए दोनों पार्टियों के बीच जारी राजनीतिक खींचतान को दर्शाती है। भारतीय जनता पार्टी और भारत राष्ट्र समिति के बीच यह टकराव आगामी चुनावों में मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि दोनों ही पार्टियाँ अपने पक्ष में किसानों का समर्थन जुटाने का प्रयास कर रही हैं।
