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दिवाली 2024: लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 

दिवाली का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। दिवाली को ‘प्रकाश का पर्व’ कहा जाता है, क्योंकि इस दिन दीप जलाकर अंधकार को दूर किया जाता है और घरों में समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की जाती है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है, जिसे शुभ मुहूर्त में करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यहां हम आपको दिवाली 2024 में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि बता रहे हैं।

 

दिवाली 2024 का शुभ मुहूर्त

 

दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, और इस साल 2024 में यह पर्व 1 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त विशेष रूप से निर्धारित होता है।

 

2024 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

 

पूजन मुहूर्त: संध्या 6:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक (2 घंटे)

 

प्रदोष काल: संध्या 5:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक

 

वृषभ काल: संध्या 6:30 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक

 

 

इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही, इस समय वृषभ काल भी होता है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस समय पूजा करने से घर में धन, सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

 

लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि

 

दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से पहले घर की सफाई और सजावट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी को साफ-सुथरे और सजे-सजाए स्थान पर ही आना पसंद होता है। यहां लक्ष्मी पूजन की विधि को विस्तार से बताया गया है।

 

घर की सफाई और सजावट

 

दिवाली के दिन पूरे घर की साफ-सफाई करना जरूरी होता है। घर के मुख्य दरवाजे से लेकर पूजा स्थल तक साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके साथ ही रंगोली बनाना, दीप जलाना और घर के हर कोने को रोशनी से सजाना शुभ माना जाता है। घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने और दीप जलाने से मां लक्ष्मी का स्वागत होता है।

 

पूजा स्थल की तैयारी

 

पूजा स्थल पर एक साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। इस पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्तियों को पूर्व दिशा की ओर रखें और ध्यान रखें कि पूजा स्थल पर स्वच्छता और शांति बनी रहे।

 

कलश स्थापना

 

पूजा में एक कलश स्थापित करें और उसमें जल, सुपारी, अक्षत (चावल), दूर्वा, गंगाजल, और सिक्के डालकर उस पर आम के पत्ते रखें। फिर उस कलश के ऊपर नारियल रखें और इसे पूजा स्थल के दाईं ओर स्थापित करें।

 

पंचामृत और स्नान

 

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें साफ जल से स्नान कराएं और नए वस्त्र अर्पित करें। मूर्तियों पर चंदन, रोली और अक्षत लगाएं और फूलमाला पहनाएं।

 

लक्ष्मी-गणेश पूजन

 

गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें। उन्हें अक्षत, फूल, धूप, दीप और मिठाई अर्पित करें। श्री गणेश की पूजा के बिना किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं होती है।

 

लक्ष्मी पूजन: भगवान गणेश के बाद मां लक्ष्मी का पूजन करें। मां लक्ष्मी को चंदन, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, और फूल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी को मिष्ठान्न, फल, मिठाई, और धन के प्रतीक के रूप में सिक्के अर्पित करें।

 

 

धन का पूजन

 

मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है, इसलिए पूजा में धन (पैसे, चांदी के सिक्के या आभूषण) का पूजन भी करें। इसे लक्ष्मी जी के पास रखें और चंदन, अक्षत, और फूल अर्पित करें। धन का पूजन करने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।

 

विशेष मंत्रों का जाप

 

लक्ष्मी पूजन के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ होता है:

 

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मयै नमः”

 

“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः” मंत्रों का जाप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

 

 

आरती और दीप प्रज्वलन

 

पूजन के अंत में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें। आरती के बाद पूरे घर में दीप जलाएं और विशेष रूप से घर के मुख्य द्वार पर दीपक रखें, जिससे देवी लक्ष्मी का घर में प्रवेश हो सके। घर के हर कोने में दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अंधकार दूर होता है।

 

. प्रसाद वितरण और दीप दान

 

पूजा समाप्ति के बाद लक्ष्मी जी को चढ़ाया गया प्रसाद सभी परिजनों में वितरित करें। इसके बाद दीप जलाकर घर के चारों ओर दीप दान करें। माना जाता है कि दीप दान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

 

विशेष ध्यान देने योग्य बातें

 

पूजा के दौरान ध्यान रखें कि घर का वातावरण शांत और पवित्र बना रहे।

 

पूजा स्थल पर परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर लक्ष्मी पूजन में शामिल हों।

 

यदि संभव हो तो दिवाली की रात जागरण करें और मां लक्ष्मी का स्मरण करते रहें।

 

 

दिवाली के दिन इस विधि से लक्ष्मी पूजन करने से घर में धन-धान्य, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। मां

लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुद्ध मन से पूजा करना आवश्यक है।

 

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