एफ.आई.आर. नहीं मांडवाली पर यहां की पुलिस का जोर!
जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी के पूर्व कर्मचारी की करामात
डमरूआ न्यूज़/रायगढ़। शहर के कोतरारोड़ की पुलिस फ़र्ज़ीवाड़े के प्रतिष्ठानों के प्रति भी सोसल पुलिसिंग का व्यवहार कर रही है। एक नामी उद्योग का फॉरवर्ड ऑफर/ज्वाइनिंग पत्र थाम कर छात्रों से लाखों की ठगी के आरोपी को पुलिस please ……! मुद्रा में मांडवाली कराने पर जोर दे रही है, इस प्रकार की चर्चा जोरों पर है।
जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार राजेश पिता भगत साहू, उम्र- लगभग 21 वर्ष, निवासी बेलहाडीह, पो, लवसा, जिला- सक्ती (छ.ग.) ने किरोड़ीमल नगर सहित अन्य स्थानों पर इंजीनियरिंग के पास रहने वाले कुल लाखों की संख्या में से एक है। मूल व्यवसायियों ने छात्रों को न केवल नौकरी का शौक दिया बल्कि उनका नाम राजेश का जे.एस.डब्ल्यू.डब्ल्यू. उद्योग का फर्जी ऑफर लेटर/ज्वाइनिंग कंपनी के फर्जी ई-मेल अकाउंट से भेजने की तारीख भी बताएं और प्रति माह लाखों पार कर दें। बताया जा रहा है कि जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने भुगतान कर दिया है और वहां काम हो रहा है। किसी अभिजीत नाम के अधिकारी का हवाला देकर पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है, लेकिन इस बात की हम पुष्टि नहीं करते हैं। बल्कि पुलिस जांच से ही पूरे तथ्यों का खुलासा हो सकता है।
ज्वाईनिंग कराने कंपनी में भी बुलवाया
कोतरारोड़ पुलिस को एक छात्र की ओर से दी गई शिकायत में बताया गया है कि जेएसडब्ल्यू कंपनी में ज्वायनिंग कराने के लिए कंपनी के गार्ड रूम तक ले जाया गया था, वहां आरोपी रुकने के लिए बोला और स्वयं कंपनी के भीतर गया, लेकिन कुछ देर में ही वहां से वापस आ गया और छात्रों को वापस अपने घर जाने की बात कहकर नौकरी नहीं मिलने की बात की गई, आरोपी ने यह भी कहा कि वो लिए गए रूपयों को वापस दे देगा लेकिन रूपया वापस नहीं आया।
पुलिस छात्रों की या ठग की शुभचिंतक
चर्चा है कि इस पूरे मामले में 25/08/2024 को थाने में शिकायत की गई है, इधर आरोपी पर मामला दर्ज करना छोड़ पुलिस की ओर से आरोपी का बचाव करने का कोई मौका नहीं गंवाया जा रहा है। उसे मौके पर मौके दिए जा रहे हैं. आरोपी को पुलिस द्वारा रकम लौटाने की नियत मियाद पूरी होने के बावजूद अब आरोपी पुलिस का ही फोन नहीं उठा रहा है। ऐसे में पुलिस आरोपी के मोबाइल पर घंटी करती है और कृपया फोन रिसिव करो…की मुद्रा में दिखाई दे रही है, लेकिन कूट रचित इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज तैयार कर नौकरी का झांसा देने एवं लाखों की ठगी करने के अपराध में पर एफ.आई.आर. नहीं की जा रही है. इस अपराधी पर पुलिस सोसल पुलिसिंग का प्रयोग किस लिए कर रही है यह समझ से परे है।