गांव की सरकार चुनने का वक्त आ गया है, और हर प्रत्याशी जनता को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के वादे कर रहा है। इसी कड़ी में पुष्पा दाताराम मिरी ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। उनके वादे सीधे जनता की जरूरतों से जुड़े हैं—बेहतर सड़कें, पारदर्शिता, राशन, स्वास्थ्य, नेटवर्क, बुजुर्गों के लिए सुविधाएं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। आइए, जानते हैं कि आखिर उनके वादों में क्या कुछ खास है।
गांव-गांव में पक्की सड़कें बनेंगी!
गांव के विकास की पहली शर्त क्या होती है? अच्छी सड़कें! और इसी को प्राथमिकता देते हुए पुष्पा दाताराम मिरी ने वादा किया है कि कटंगपाली से बांजीपाली के बीच सड़क निर्माण सबसे पहले करवाया जाएगा। यही नहीं, पंचायत के सभी गांवों में सड़कें बनेंगी और पुरानी सड़कों का विस्तार होगा, ताकि लोगों को आने-जाने में दिक्कत न हो।
शादी, मढ़ी और दशगात्र में मिलेगा सहयोग
गांवों में शादी-ब्याह हो या फिर किसी अपने के गुजर जाने का दुख—हर परिस्थिति में आर्थिक मदद की जरूरत होती है। मिरी ने वादा किया है कि ग्राम पंचायत के हर गांव में शादी-विवाह, मढ़ी और दशगात्र के समय 50 किलो चावल और 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बहुत राहत देने वाली हो सकती है।
ग्राम सभा में जनता की सुनी जाएगी
ग्राम सभा की बैठकें कई बार महज औपचारिकता बनकर रह जाती हैं, लेकिन मिरी ने वादा किया है कि अब ग्राम सभा में पूरी पारदर्शिता रहेगी। केवल उन्हीं मुद्दों पर चर्चा होगी जो वाकई गांव के हित में होंगे। जनता को यह भी बताया जाएगा कि किस प्रस्ताव पर क्या कार्रवाई हुई।
राशन कार्ड और आवास योजना में धांधली नहीं होगी
हर गांव में यह आम समस्या है कि कई जरूरतमंद लोगों को राशन कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाता, जबकि कुछ अपात्र लोग इसका फायदा उठा लेते हैं। मिरी का कहना है कि अब इन योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को उनका हक मिल सके।
स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाएं होंगी दुरुस्त
गांव में कई जगह अब भी पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। मिरी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि हर गांव में पीने और नहाने के पानी की सही व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, गांवों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और छोटे-छोटे गार्डन बनाए जाएंगे ताकि पर्यावरण भी बेहतर हो सके।
बेटियों के लिए ‘सुकन्या खाता’, पहला योगदान पंचायत का!
बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हर नवजात बच्ची के जन्म पर ‘सुकन्या खाता’ खुलवाने की योजना बनाई गई है। खास बात यह है कि पहली बार की जमा राशि पंचायत की ओर से दी जाएगी, जिससे माता-पिता को थोड़ा सहयोग मिल सके।
मोबाइल नेटवर्क की समस्या होगी खत्म
गांवों में नेटवर्क की समस्या आज भी एक बड़ी परेशानी है। मिरी ने वादा किया है कि किसी भी कंपनी का नेटवर्क गांवों में लगवाने के लिए प्रयास किया जाएगा ताकि लोगों को मोबाइल सिग्नल की समस्या से छुटकारा मिल सके।
बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन योजना
गांव के बुजुर्गों के लिए भी एक खास योजना बनाई गई है। 60 साल से ऊपर के लोगों को रामलला के दर्शन करवाने का वादा किया गया है, जिससे वे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़ सकें।
आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए शिविर लगेंगे
गांवों में सरकारी कागजात बनवाने के लिए लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इस समस्या को हल करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोगों के आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कोई दिक्कत न हो।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए महिला समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उनकी योजनाओं में सहयोग दिया जाएगा ताकि वे खुद के पैरों पर खड़ी हो सकें।
क्या जनता करेगी भरोसा?
विनीत-दाताराम मिरी का घोषणापत्र गांव के विकास और जनता की मूलभूत जरूरतों पर केंद्रित है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता को यह वादे कितने पसंद आते हैं और वे इन्हें वोट में कितना बदलते हैं। क्या यह घोषणापत्र सिर्फ चुनावी जुमला रहेगा या फिर वादों को हकीकत में बदला जाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा।
