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अगर नहीं किया यह काम, तो बंद हो सकता है आपका बैंक खाता – RBI का बड़ा अलर्ट!

बैंक खाता

New Delhi।।कही आपका भी बैंक खाता निष्क्रिय न हो जाए RBI के इस नए गाइडलाइन को पूरा पढ़े यह दिशा निर्देश और जाने क्या कहता है RBI का नया गाइडलाइन।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारतीय बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है। हाल की एक जानकारी के अनुसार, आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे निष्क्रिय खातों की संख्या कम करें और खाताधारकों को होने वाली परेशानियों से बचाएं। इस लेख में हम निष्क्रिय खातों, उनके खतरों और उन्हें कैसे सक्रिय करें, इस पर चर्चा करेंगे।

निष्क्रिय बैंक खाता क्या होता है?

निष्क्रिय बैंक खाता वह होता है जिसमें लंबे समय तक (आमतौर पर 12 से 24 महीने) कोई लेन-देन नहीं होता। इसमें कोई पैसा नहीं जमा होता, न ही निकाला जाता है। ऐसे खातों को Bank “फ्रीज” कर देता है, जिससे खाताधारक उनका उपयोग नहीं कर पाते।

निष्क्रिय खाते खाताधारकों के लिए परेशानी पैदा करते हैं और बैंकिंग प्रणाली के लिए भी चुनौती बनते हैं। इन खातों में जमा धन का न तो खाताधारक और न ही बैंक उपयोग कर पाते हैं।

निष्क्रिय खातों की बढ़ती संख्या और आरबीआई का निर्देश हाल के वर्षों में निष्क्रिय खातों की संख्या बढ़ी है। इस पर आरबीआई ने चिंता जताते हुए बैंकों को सुझाव दिया है कि वे इस समस्या का समाधान करें। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे:

निष्क्रिय खातों की तिमाही रिपोर्ट तैयार करें। खातों की स्थिति पर नज़र रखें। खाताधारकों को खाते की स्थिति के बारे में जानकारी दें। यह कदम खाताधारकों को सुधार देगा और बैंकिंग प्रणाली को भी बेहतर बनाएगा।

निष्क्रिय खातों से जुड़ी समस्याएं

 

धन का ठहराव: निष्क्रिय खातों में जमा पैसा न तो खाताधारक के लिए फायदेमंद है और न ही बैंक इसका उपयोग कर पाता है।

धोखाधड़ी का खतरा: अगर खाता लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस खाते की जानकारी हासिल कर लेता है, तो वो इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।

बैंकिंग पर बोझ: निष्क्रिय खातों की संख्या बढ़ने से बैंकों पर प्रबंधन का अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।

आरबीआई के सुझाव: निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के तरीके

 

आरबीआई ने बैंकों को निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:

 

केवाईसी प्रक्रिया: खाताधारकों की पहचान और पते की पुष्टि के लिए केवाईसी पूरी करवानी चाहिए। इससे खाता फिर से सक्रिय हो जाता है।

 

डिजिटल सुविधाएं: बैंकों को खाताधारकों को मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और वीडियो पहचान प्रक्रिया जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

शाखा में सहायता: बैंकों को अपनी शाखाओं में खाताधारकों की मदद के लिए केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए।

नियमित निगरानी: बैंकों को निष्क्रिय खातों पर ध्यान रखना चाहिए और खाताधारकों को सूचित करना चाहिए जब उनका खाता निष्क्रिय हो जाए।

 

निष्क्रिय खाता सक्रिय करने के तरीके

 

अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो इसे सक्रिय करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें: अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और पता प्रमाण पत्र बैंक में जमा करें।

 

लेन-देन करें: खाते को सक्रिय रखने का सबसे आसान तरीका है इसमें लेन-देन करना। आप पैसे जमा, निकाल सकते हैं या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।

बैंक शाखा जाएं: अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई हो, तो बैंक शाखा में जाकर जानकारी प्राप्त करें।

ग्राहक सेवा से संपर्क करें: बैंक की ग्राहक सेवा पर कॉल करें और खाता सक्रिय करने का तरीका जानें।

 

निष्क्रिय खातों से बचने के तरीके

 

नियमित लेन-देन करें: अपने खाते में समय-समय पर लेन-देन करें।

सभी खातों की निगरानी करें: अगर आपके पास कई बैंक खाते हैं, तो उनकी नियमित जांच करें और अनावश्यक खातों को बंद कर दें।

सही जानकारी अपडेट करें: बैंक में अपनी केवाईसी जानकारी को समय-समय पर अपडेट करें।

डिजिटल सेवाओं का उपयोग करें: मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करें। यह समय बचाएगा और आपके खाते को सक्रिय रखेगा।

निष्क्रिय खाते बैंकों और खाताधारकों दोनों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। आरबीआई के सुझाव और बैंकों द्वारा उठाए गए कदम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। खाताधारकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और समय-समय पर अपने खातों की स्थिति की जांच करनी चाहिए।

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