प्रशांत डेनियल 7828438374
मरवाही वन मंडल में अवैध सागौन कटाई, वन विभाग की निष्क्रियता पर उठे सवाल


गौरेला पेंड्रा मरवाही । मरवाही वन मंडल के अंतर्गत जंगलों में हो रही अवैध सागौन कटाई ने जंगल संरक्षण के प्रयासों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। कुछ जागरूक नागरिक इस कटाई को रोकने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन जो लोग अवैध कटाई में लिप्त हैं, वे हिंसा और झगड़े पर उतर आते हैं। यह स्थिति वन विभाग की नाकामी को उजागर करती है, क्योंकि जंगलों का संरक्षण केवल किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सभी का दायित्व है।
सागौन जैसी बहुमूल्य और प्रतिबंधित लकड़ी की कटाई धड़ल्ले से जारी है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिन अधिकारियों को जंगलों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया है, वे अपने कर्तव्यों से विमुख हो चुके हैं। अधिकतर अधिकारी कार्यालयों में बैठकर ही काम निपटाने में व्यस्त हैं, जबकि जंगल की निगरानी और अवैध कटाई रोकने के प्रयास न के बराबर हो रहे हैं।

शिकायत मिलने पर वन विभाग कुछ दिनों तक जांच और सर्वे करता है। इस दौरान कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया जाता है, लेकिन कुछ समय बाद मामला फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है। नतीजा यह है कि अवैध कटाई बदस्तूर जारी रहती है।
यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब प्रतिबंधित सागौन जैसी इमारती लकड़ी को ऐसे काटा जा रहा है जैसे इस पर कोई प्रतिबंध ही न हो। वन विभाग की निष्क्रियता पर आम जनता सवाल कर रही है। लोग पूछ रहे हैं कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार रेंजर हैं, वन विभाग का अमला है, या फिर डीएफओ?
सरकार ने अवश्य ही नियम बनाए हैं, लेकिन संबंधित विभागों को इनका पालन सुनिश्चित करने की सख्त हिदायत नहीं दी जाती। जनता मांग कर रही है कि सरकार इन विभागों पर कार्रवाई करे और जंगलों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए।
अगर समय रहते इस समस्या पर काबू नहीं पाया गया, तो भविष्य में मरवाही वन मंडल के जंगलों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है। जंगल सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इनकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
