Raipur रायपुर। आज विधानसभा में डिप्टी मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने एक सड़क निर्माण में हुई अनियमितता के मामले में 5 अधिकारियों के निलंबित किए जाने घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने ठेकेदार से धन वसूली करने और उसके खिलाफ प्राथमिका दर्ज कराने का भी आश्वासन दिया। यह मामला दंतेवाड़ा जिले से संबंधित है।
यह मुद्दा सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर द्वारा उठाया गया। उन्होंने पूछा कि जिला निर्माण समिति, दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कोरकोट्टी सड़क निर्माण कार्य और ग्राम हिरोली से हेल्प सेंटर तक पहुंच मार्ग के टेंडर/रिटेंडर कब हुए और उनकी लागत राशि क्या थी? उन्होंने कार्यादेश की तिथि, उसकी एजेंसी, और प्रबंधक का नाम और पता भी जानने की इच्छा व्यक्त की।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्वीकार किया कि योजनांतर्गत मिट्टी कार्य अनुबंध के तहत किस दर से कार्य किए जाने थे और वास्तव में कितनी लागत आई? सड़क निर्माण में हुई अनियमितताओं की शिकायत से संबंधित भी जानकारी मांगी गई।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत डी.एम.एफ. मद से नहीं, बल्कि जिला निर्माण समिति के विशेष केंद्रीय सहायता मद में स्वीकृत है। “बी.टी. सड़क निर्माण का कार्य मुख्यमार्ग से कोरकोटी तक (भाग 01 से 13 तक) किया जा रहा है, साथ ही मड़कामीरास से हिरोली हेल्थ सेंटर तक की 3.50 किलोमीटर लंबाई (भाग 01) और हिरोली हेल्थ सेंटर से हिरोली कैंप डोकापारा तक की 3.50 किलोमीटर लंबाई (भाग 02) का भी समावेश है।
मंत्री ने इस मामले में शिकायत प्राप्त होने की बात मान ली है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच कलेक्टर दन्तेवाड़ा के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व की अध्यक्षता में एक 05 सदस्यीय टीम बनाई गई है। इस टीम के भौतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जी.एस.बी., डामरीकरण कार्य, डब्ल्यू.बी.एम. तथा सोल्डर कार्य के साथ-साथ पुलिया और रिटेनिंगवाल में भी अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है।
चंद्राकर ने पूरक प्रश्न में वित्तीय लेन-देन को लेकर जानकारी मांगी गई। पूछताछ में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या ठेकेदार को अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया है। इस पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि भुगतान की गई राशि लागत दर से कम है। इसके आगे, उन्होंने यह भी बताया कि प्राप्त शिकायतों के आधार पर 5 अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक कार्रवाई की गई है।
ईई अनिल राठौर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, और उनके खिलाफ जांच प्रक्रिया चल रही है। कार्यपालन अभियंता दामोदर सिंह सिदार को निलंबित कर विभागीय जांच प्रारंभ की जाएगी। इसी प्रकार, तारेश्वर दिवान, जो एसडीओ हैं, को भी निलंबित कर दिया गया है, और इसके साथ ही विभागीय जांच का आयोजन किया जाएगा।
आरबी पटेल, सहायक अभियंता, को भी निलंबित करने का निर्णय लिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच का ऐलान हुआ है। इस बीच, एक उप अभियंता का निधन हो गया है, जबकि रविकांत सारथी, उप अभियंता, को निलंबित कर दिया गया है। ठेकेदार के खिलाफ वसूली और एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है।
इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान, चंद्राकर ने भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में मंत्री ने तीखा पलटवार किया। इस विवाद के कारण सदन में हंगामा उत्पन्न हो गया। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन में दोनों पक्षों को अपनी स्वरूप को कम रखना चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि यहां माइक लगे हैं और धीरे बोलने पर भी आवाज पहुंच जाती है।
