“उड़ीसा: इतिहास, संस्कृति और धार्मिक धरोहर”
Orissa Desk:उड़ीसा (ओडिशा) के इतिहास, संस्कृति और भूगोल के बारे में जानें। 1936 में राज्य बनने से पहले इसे कालिंग के नाम से जाना जाता था। राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल, जैसे जगन्नाथ मंदिर, कोंनार्क सूर्य मंदिर, और कालींग युद्ध का ऐतिहासिक महत्व है। उड़ीसा का पारंपरिक भोजन, पहनावा और प्रमुख जिले जैसे कटक और पुरी की जानकारी प्राप्त करें। जानें, Orissa के अंतिम शासक और राज्य के सांस्कृतिक महत्व के बारे में।
बंगाल, बिहार और Orissa का विभाजन: 1912 में बंगाल का विभाजन हुआ था, जिसके बाद बिहार और Orissa को अलग किया गया था।
Orissa का अलग राज्य बनना: उड़ीसा को 1 अप्रैल 1936 को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था।
Orissa का असली नाम: Orissa का पुराना नाम “कालिंग” था, जो महाभारत और प्राचीन इतिहास में उल्लेखित है।
1936 में उड़ीसा में जिले: 1936 में Orissa में कुल 4 जिले थे: कटक, पुरी, गंजाम, और बालासोर।
Orissa में प्रमुख धर्म: Orissa में मुख्य रूप से हिंदू धर्म प्रचलित है, और जगन्नाथ पूजा एक प्रमुख धार्मिक परंपरा है।
उड़ीसा का मुख्य भोजन: Orisa का पारंपरिक भोजन में माच्छा घांटिया, पुआ, पटटू और चूड़ा शामिल हैं।
Orisa क्यों प्रसिद्ध है?: Orisa अपने सांस्कृतिक धरोहर, खासकर जगन्नाथ मंदिर, कोंनार्क सूर्य मंदिर, और कालींग युद्ध के लिए प्रसिद्ध है।
उड़ीसा का सबसे बड़ा जिला: Orissa का सबसे बड़ा जिला “कटक” है, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
Orissa का अंतिम शासक: Orissa के अंतिम शासक महाराजा कृष्ण चंद्र देव थे।
Orissa के लोग क्या पहनते थे?: Orissa के लोग पारंपरिक रूप से धोती, साड़ी, और अन्य हाथ से बने कपड़े पहनते हैं, महिलाएं “लंगा” और “चोली” पहनती हैं।
पुरी का पुराना नाम: पुरीका पुराना नाम “जगन्नाथ” था।