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Dolomite Mining: कटंगपाली में खनन का खेल, प्रशासन बना मूकदर्शक

Dolomite mining

 

Dolomite mining/Sarangarh News।।सारंगढ़ जिले के कटंगपाली इलाके में डोलोमाइट पत्थर का अवैध खनन जोरों पर है। महुआपाली क्षेत्र में खनिज माफिया ने फिर से अवैध खनन शुरू कर दिया है, जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पिछले एक-दो वर्षों से इस क्षेत्र में खनन का सिलसिला जारी है। हर साल अक्टूबर के बाद गर्मी के महीनों तक बड़े पैमाने पर डोलोमाइट पत्थर निकाले जाते हैं।

खनिज माफिया का राजस्व पर प्रहार

अवैध खनन के इस खेल में हर साल हजारों टन डोलोमाइट खदानों में खनन( dolomite mining)कर पत्थर निकाला जाता है। इसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ता है, जिसे माफिया अपने मुनाफे में बदल लेते हैं। खनिज विभाग और जिला प्रशासन इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं, जिससे माफिया बेखौफ होकर अपना काम कर रहे हैं।

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स्थानीय लोगों का आरोप: अफसरों की मिलीभगत

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस अवैध खनन में अधिकारियों की मिलीभगत है। लोगों का दावा है कि खनन गतिविधियों के दौरान अधिकारी अनदेखा करते हैं, जिससे माफिया बिना किसी डर के अपना नेटवर्क चला रहे हैं। यह सांठगांठ माफिया को “धन कुबेर” बनने में मदद कर रही है।

प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन

अवैध खनन न केवल राजस्व का नुकसान कर रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। कटंगपाली और महुआपाली के इलाके की भूमि और जल स्रोतों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। खनिज विभाग की उदासीनता और प्रशासनिक नाकामी इस समस्या को और गंभीर बना रही है।

प्रशासन की चुनौती

हालांकि प्रशासन ने कई बार ऐसे मामलों में कार्रवाई करने का दावा किया है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। खनन माफिया के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यह अवैध गतिविधि दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

बहरहाल यह समय की मांग है कि जिला प्रशासन और खनिज विभाग इस अवैध डोलोमाइट खनन( dolomite mining)पर सख्ती से रोक लगाएं। इसके लिए जरूरी है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह समस्या और विकराल हो सकती है।

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