Sarangarh News @damrua।।छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के 73 वर्षीय किसान खेमराज पटेल को इस वर्ष राज्य सरकार ने डॉ. खूबचंद बघेल कृषि रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उन्हें कृषि क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान और अत्यंत मेहनत के लिए मिला है। उनके साहस और खेती के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने उन्हें राज्य के सर्वश्रेष्ठ किसान का गौरव दिलाया है।
संकल्प और समर्पण: गांव गंधराचुंआ नवाडीह में जन्मे खेमराज ने अपनी खेती की यात्रा 1970 में शुरू की, जब उनके पिता की तबीयत खराब हो गई और खेती की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। शुरुआती समय में सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम किया। बाद में बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने अपने खेतों में पहला ट्यूबवेल और ट्रैक्टर खरीदा, जिससे उनकी कृषि का विस्तार हुआ।
खेती में नवाचार: विभिन्न फसलों की खेती में प्रयोग करने का उनका जज़्बा देखते ही बनता है। 2018 में केले की खेती शुरू करके उन्होंने इस क्षेत्र में भी सफलता पाई, जिससे उन्हें सालाना 15 लाख रुपए तक की आय होने लगी। उनका केले का उत्पादन इतना उत्कृष्ट था कि 2020 में उन्हें प्रदेश स्तरीय फल फूल प्रदर्शनी में पहला पुरस्कार मिला, जिससे अन्य किसान भी प्रेरित हुए और केले की खेती शुरू की।
संघर्ष और सफलता: खेमराज के पास शुरू में 6 एकड़ जमीन थी, लेकिन अपनी मेहनत और कुशलता से उन्होंने इसे 20 एकड़ तक बढ़ाया। कभी कच्चे मकान में रहने वाले खेमराज आज एक आलीशान मकान में रहते हैं और सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं।
सम्मान और भावनाएं: इस पुरस्कार को लेकर खेमराज भावुक हो गए और कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि इस उम्र में उन्हें इतना बड़ा सम्मान मिलेगा। उनके लिए यह सम्मान जीवनभर की मेहनत का फल है, और वे इसे अपने गांव और मिट्टी को समर्पित करते हैं।
खेती के प्रति खेमराज पटेल का जुनून, समर्पण और नई सोच अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है। उनकी कहानी संघर्ष, साहस और सफलता की मिसाल है।