Damrua

शिक्षक की करंट से मौत के बाद न्यायिक जांच और एम्बुलेंस की मांग को लेकर NSUI का प्रदर्शन

 

सारंगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और न्यायिक जांच की मांग

 

सारंगढ़ Sarangarh News। राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान करंट लगने से शिक्षक भगत पटेल की आकस्मिक मौत के मामले ने सारंगढ़ शहर में गहरी संवेदना और आक्रोश का माहौल बना दिया है। शिक्षक की इस असामयिक मृत्यु के बाद स्थानीय लोगों और NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के सदस्यों ने इस मामले की न्यायिक जांच, मुआवजे और सारंगढ़ में एक नई एम्बुलेंस की मांग को लेकर सारंगढ़ के जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस अभियान का नेतृत्व NSUI जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने किया, जिन्होंने इस दुखद घटना के खिलाफ आवाज उठाई और न्याय की मांग की।

 

राज्योत्सव के दौरान शिक्षक भगत पटेल की मौत

5 नवंबर 2024 को सारंगढ़ में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान बैनर लगाने के कार्य में जुटे शिक्षक भगत पटेल की करंट लगने से मौत हो गई। कार्यक्रम के दौरान बिजली की अनदेखी और उचित सुरक्षा प्रबंधों के अभाव में यह दुखद हादसा घटित हुआ। इस घटना ने न केवल पटेल के परिवार को, बल्कि सारंगढ़ के नागरिकों को भी हिला दिया है, जो अब न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह हादसा बिजली तारों के गलत ढंग से संयोजन के कारण हुआ, जिससे पटेल करंट की चपेट में आ गए।

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प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल

शिक्षक भगत पटेल की मौत के बाद अब तक प्रशासन की ओर से कोई भी न्यायिक जांच नहीं कराई गई है और ना ही परिवार को किसी तरह की सहायता या मुआवजा प्रदान किया गया है। इस स्थिति से नाराज NSUI ने जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रशासन को चेताया कि अगर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इस मामले को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। NSUI कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा प्रबंधों की कमी का परिणाम है, और इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

 

न्यायिक जांच और मुआवजे की मांग

NSUI के जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है ताकि इस घटना की असल वजह सामने आ सके और दोषियों को सज़ा मिल सके। उनके अनुसार, यह केवल एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भगत पटेल ने अपना जीवन राज्योत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन में योगदान देने के दौरान खो दिया, इसलिए प्रशासन को उनकी मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उनके परिवार को उचित मुआवजा देना चाहिए। अभिषेक शर्मा ने कहा, “हम चाहते हैं कि भगत पटेल जी के परिवार को न्याय मिले और इस मामले की पूरी जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे ना हों।”

 

सारंगढ़ में एम्बुलेंस की कमी का मुद्दा

NSUI ने इस अवसर पर सारंगढ़ में एम्बुलेंस की कमी के गंभीर मुद्दे को भी उठाया। वर्तमान में शहर के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केवल 108 और 112 जैसी सरकारी आपातकालीन सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है, जो अक्सर समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। दुर्घटना या आपात स्थिति में मरीजों को समय पर अस्पताल तक पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण से NSUI कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि सारंगढ़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में एक नई एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए ताकि मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।

 

NSUI के नेताओं ने कहा कि हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां एम्बुलेंस के अभाव में मरीजों की स्थिति बिगड़ गई या कई बार समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण उनकी जान भी चली गई। उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया, तो वे इसके खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे।

 

सामूहिक ज्ञापन सौंपने में NSUI के कार्यकर्ताओं की भागीदारी

इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में NSUI के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। NSUI जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा के साथ नावेद खान, राम सिंह ठाकुर, विकास मालाकार, सुनील पटेल, राहुल मैत्री, कृपा पटेल, धनेश भारद्वाज, शाहजहां खान, अमर जांगड़े, रूपेंद्र दास, अरविन्द मनहर, साहिल भारती, नविन चौहान, योगेश मनहर, संस्कार अग्रवाल, आयुष दुबे, आसिफ खान और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने एक सुर में प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की मांग की और आश्वासन दिया कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वह आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

 

सामुदायिक भावना और न्याय की लड़ाई

सारंगढ़ में यह आंदोलन न केवल NSUI का, बल्कि पूरे समुदाय का समर्थन प्राप्त कर रहा है। लोग महसूस कर रहे हैं कि शिक्षक भगत पटेल की मौत एक चेतावनी है कि प्रशासन को सार्वजनिक कार्यक्रमों में उचित सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए। NSUI की यह पहल सारंगढ़ के आम नागरिकों की आवाज बनकर उभरी है। लोग इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। NSUI कार्यकर्ताओं ने आश्वासन दिया है कि वे शिक्षक के परिवार के साथ खड़े हैं और उनकी न्याय की इस लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे।

 

प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

NSUI द्वारा ज्ञापन सौंपने के बावजूद प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसने NSUI और शहर के नागरिकों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। ज्ञापन में मांगे गए मुद्दों पर प्रशासन की चुप्पी को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। NSUI ने स्पष्ट किया कि वे प्रशासन को समय देंगे, लेकिन अगर जल्द ही इन मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो वे इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों और राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे।

 

सारंगढ़ के नागरिकों में बढ़ता आक्रोश

इस घटना ने सारंगढ़ के नागरिकों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग इस बात से नाराज हैं कि एक शिक्षक की मौत हो जाने के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। शिक्षक समुदाय भी इस घटना से आहत है और उन्होंने इस मुद्दे पर प्रशासन से न्याय की मांग की है। वे मानते हैं कि अगर इस घटना पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में इस तरह के और भी हादसे हो सकते हैं। NSUI ने इस मामले को लेकर शहर के सभी समुदायों से समर्थन मांगा है और कहा है कि यह सिर्फ एक शिक्षक का मामला नहीं है, बल्कि सारंगढ़ के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

 

NSUI का अगला कदम

NSUI ने यह स्पष्ट किया है कि वे जल्द ही इस मामले में बड़े स्तर पर आंदोलन की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर प्रशासन उनकी मांगों को अनदेखा करता है, तो वे जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेंगे। शिक्षक के परिवार के साथ अन्याय और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर NSUI का यह विरोध सारंगढ़ में सामाजिक न्याय और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बड़ा आंदोलन बन सकता है।

 

वहीं शिक्षक भगत पटेल की आकस्मिक मृत्यु ने सारंगढ़ शहर में न्याय और स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार की मांग को जन्म दिया है। NSUI द्वारा सौंपा गया यह ज्ञापन प्रशासन के सामने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है। शिक्षक के परिवार को न्याय दिलाने, सारंगढ़ में एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। प्रशासन का अगला कदम इस मामले में सारंगढ़ के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

 

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