जांजगीर-चांपा पुलिस अब कह रही है – “कोई बहाना नहीं चलेगा!”
समंस और वारंट की तामिली में अब ढीलाई, देर या गोलमाल का खेला खत्म!
आज पुलिस अधीक्षक श्री विजय कुमार पाण्डेय (IPS) की अगुआई में पुलिस कार्यालय में एक खास मिशन मोड कार्यशाला हुई। जिले भर के थाना-चौकी से समंस वारंट मददगार, CCTNS ऑपरेटर और कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक एक साथ जुटे – और उन्हें समझाया गया डिजिटल समंस का नया मंत्र!
प्रोजेक्टर पर लाइव डेमो चला –
ई-समंस ऐप इंस्टॉल करो।
कोर्ट से ऑनलाइन समंस लो।
प्रिंट निकालो।
मौके पर जाओ, तामील करो।
फोटो खींचो।
ऐप में अपलोड करो – और बस! सीधे कोर्ट के पोर्टल में रिकॉर्ड दर्ज!
अब कोई यह नहीं कह पाएगा – “समंस नहीं मिला साहब!”
कोर्ट बोलेगा – “लो सबूत – फोटो समेत!”
पुलिस अधीक्षक ने साफ शब्दों में कहा –
“समंस और वारंट की शतप्रतिशत तामिली होनी चाहिए।
कोई बहाना, कोई लेट-लतीफी नहीं।
सिस्टम फेल हुआ तो जिम्मेदारी तय होगी!
“25 जून को ही हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जांजगीर-चांपा में डिजिटाइजेशन प्रोग्राम लॉन्च किया था। इसके बाद से कोर्ट से समंस और जमानतीय वारंट सीधे ऑनलाइन थानों को भेजे जा रहे हैं।
जिले में अब तक 105 ई-समंस और वारंट ऑनलाइन तामील हो चुके हैं।
पुलिस कह रही है – “अब समंस का झोल नहीं होगा – गवाह कोर्ट से भाग नहीं पाएगा!”
और हां – ये सिर्फ कागजी ट्रेनिंग नहीं थी –
सबको ऐप अपलोड करने का आदेश।
समन्वय बनाकर काम करने की हिदायत।
अदम तामिली (यानी असंभव तामिली) भी समय पर पोर्टल में दर्ज करने का अल्टीमेटम।
इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप, CSP कविता ठाकुर, SDOP यदुमणि सिदार, DSP मुख्यालय विजय पैकरा और रक्षित निरीक्षक प्रदीप कुमार जोशी भी मौजूद रहे।
पहले “तेरहवीं तखती” से पहचान, अब “ई-समंस” से तामिली –
जांजगीर-चांपा पुलिस अपनी प्रक्रिया को फुल ऑन डिजिटल बना रही है।
अदालतों की कार्यवाही होगी फास्ट।
गवाहों के बहाने होंगे खत्म।
और कोर्ट के आदेश होंगे हर हाल में तामील।
जांजगीर-चांपा पुलिस का कहना है – “ये सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं, कानून के राज को मजबूत करने का बड़ा कदम है!”