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सन सिटी कॉलोनी प्लॉट बिक रहे या खतरे: कोतरा रोड क्षेत्र में कॉलोनाइजर की घोर लापरवाही, विभागीय मिली भगत का नजारा

नियम कानून को ताक पर रखकर हाईटेंशन टावर लाइन और पाइप लाइन के बीच बसाई जा रही सन सिटी कॉलोनी

डमरूआ न्यूज़/रायगढ़.कोतरा रोड क्षेत्र में कॉलोनाइजर द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए सन सिटी नामक कॉलोनी विकसित की जा रही है, जहां हाईटेंशन बिजली लाइन और भूमिगत पाइप लाइन के बीच प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं। स्थल निरीक्षण व उपलब्ध दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि इस क्षेत्र में न तो सुरक्षा दूरी का पालन किया गया है और न ही नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा विद्युत विभाग से निर्माण तथा विकास की अनिवार्य अनुमतियां प्राप्त की गई हैं। हैरानी की बात यह है कि संवेदनशील संरचनाओं और खतरनाक ट्रांसमिशन लाइन के बीच बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं, जबकि नियम स्पष्ट रूप से ऐसे क्षेत्रों में किसी भी तरह के निर्माण को प्रतिबंधित करते हैं। स्थानीय लोगों ने चेताया है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो यह कॉलोनी भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

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 भूमि खसरा विवरण

कॉलोनी जिन खसरा नंबरों में काटी जा रही है वे इस प्रकार हैं:
182/1, 182/2, 182/3, 182/4

इन खसरा क्षेत्रों से 132 केवी हाईटेंशन लाइन और पाइप लाइन गुजर रही है। नियमों के अनुसार ऐसी जमीन में आवासीय कॉलोनी विकसित करना प्रतिबंधित है।
कॉलोनी का निरीक्षण करने वाले विशेषज्ञों के अनुसार प्लॉट्स को ठीक हाईटेंशन लाइन के नीचे तथा उसके बेहद निकट काट दिया गया है, जबकि ट्रांसमिशन लाइन के नीचे खुले क्षेत्र की बाध्यता और सुरक्षा दूरी बनाए रखने का प्रावधान है। इसके बावजूद कॉलोनाइजर ने तेजी से प्लॉटिंग की और ग्राहकों को यह बताने से भी बचता रहा कि पूरे क्षेत्र में विद्युत विभाग की लाइन और भूमिगत पाइप लाइन मौजूद है। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि निवासियों की पानी आपूर्ति हेतु एक बड़ी टंकी का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है, जबकि वह स्थान सुरक्षित दूरी के दायरे में नहीं आता।

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 किस विभाग ने क्या नहीं दिया

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग: विकास अनुमति जारी नहीं
नगर निगम रायगढ़: नक्शा स्वीकृत नहीं
राजस्व विभाग: भूमि उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति नहीं
विद्युत विभाग: हाईटेंशन लाइन के कारण निर्माण अनुमति नहीं

जानकारी यह भी मिली है कि कॉलोनाइजर ने न तो किसी प्रकार की कानूनी व तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत की और न ही विभागों को स्थल संबंधी कोई विवरण दिया। नगर निगम और टीसीपी के रिकॉर्ड में इस कॉलोनी का कोई आवेदन लंबित नहीं है, जिसके बावजूद कॉलोनाइजर जमीन का समतलीकरण कर सड़कें, प्लिंथ और बाउंड्री निर्माण करा रहा है। यह स्थिति न केवल नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि खरीदारों से धोखाधड़ी की श्रेणी में भी आता है।

निरीक्षण में मिली खामियाँ

टावर लाइन के नीचे प्लॉट काटे गए
पाइप लाइन से सुरक्षा दूरी का पालन नहीं
बिना अनुमति सड़क और निर्माण कार्य
कॉलोनी में सुरक्षा बोर्ड या सूचना का अभाव
पानी की टंकी का निर्माण जोखिम क्षेत्र में

स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि कॉलोनाइजर प्लॉट खरीदने वालों को वास्तविक स्थिति नहीं बताता और जब कोई अनुमतियों की प्रतियां मांगता है तो कॉलोनाइजर केवल मौखिक आश्वासन देकर बात टाल देता है। खरीदारों का कहना है कि कॉलोनी के बड़े-बड़े विज्ञापनों में सुरक्षित कॉलोनी और सभी सुविधाओं का दावा किया जाता है, जबकि वास्तविक परिस्थिति पूरी तरह विपरीत है। हाईटेंशन लाइन और भूमिगत पाइप लाइन के कारण इस क्षेत्र में आवासीय उपयोग तकनीकी रूप से असंभव है।

प्रशासनिक सवाल

बिना अनुमतियों के महीनों से निर्माण कैसे जारी रहा
खतरनाक विद्युत लाइन के बीच कॉलोनी विकसित होने पर विभागों की नजर कैसे नहीं गई
नियम विरुद्ध निर्माण को रोकने में देरी क्यों

खरीदारों को गलत जानकारी देने पर क्या कार्रवाई होगी
कोतरा रोड क्षेत्र में बसाई जा रही इस कॉलोनी को लेकर अब गंभीर प्रश्न उठ खड़े हुए हैं कि जब 2015 के बाद कॉलोनाइजेशन नियम कड़े कर दिए गए थे, तब भी कॉलोनाइजर ने बिना अनुमति के प्लॉट काटने, बिक्री करने और निर्माण शुरू करने का साहस कैसे किया। विशेषज्ञों का कहना है कि पाइप लाइन और हाईटेंशन लाइन के बीच निर्माण किसी भी स्थिति में सुरक्षित नहीं होता और यह भविष्य में दुर्घटना, आगजनी तथा व्यापक जनहानि की वजह बन सकता है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मामले की जांच आवश्यक है और यदि उल्लंघन प्रमाणित होते हैं, तो कॉलोनाइजर पर कठोर कार्रवाई की जा सकती है।

 बिजली लाइन का खतरा

132 केवी लाइन
सुरक्षा दूरी अनिवार्य
लाइन के नीचे निर्माण पूर्णतः प्रतिबंधित
खतरा: करंट, आगजनी, दुर्घटना, ढांचा क्षति

कोतरा रोड क्षेत्र में विकसित हो रही सन सिटी कॉलोनी कॉलोनाइजर की गंभीर लापरवाही का उदाहरण बनती जा रही है। प्रशासन से अपेक्षा है कि तत्काल निरीक्षण कर विकास कार्यों पर रोक लगाई जाए और खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस घटना को उदाहरण बनाकर भविष्य में ऐसी अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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