अनूप बंसल और बंटी डालमिया के खिलाफ स्थानीयों का आरोप — सरकारी संपत्ति को समतल कर बनाया जा रहा प्लॉट, गुंडागर्दी से लोग सहमे
डमरूआ न्यूज़ /रायगढ़।
रायगढ़ शहर के जूटमिल इलाके की जमीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इस मामले में सरकारी रिकॉर्ड और राजस्व अभिलेखों से यह बात सामने आई है कि जिस जमीन पर कॉलोनी निर्माण का कार्य चल रहा है, वह भूमि राजस्व अभिलेखों में ‘तालाब’ (जलभूमि) के रूप में दर्ज है। बावजूद इसके कॉलोनाइजर अनूप बंसल और बंटी डालमिया द्वारा कथित रूप से उस पर मिट्टी डालकर समतल निर्माण कार्य जारी है।
सरकारी दस्तावेजों ने खोला राज
एसडीएम कार्यालय के पत्र क्रमांक 1229/रे./2025 दिनांक 17 जून 2025 और तहसीलदार रायगढ़ की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि खसरा नंबर 32/3, 40/3, 51/1, 110/3, 38/2, 265/2, 28/27 आदि भूमि राजस्व रिकॉर्ड में तालाब या जल भराव क्षेत्र के रूप में दर्ज है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1959 से यह भूमि तालाब के रूप में दर्ज है और इसका स्वरूप आज तक परिवर्तित नहीं हुआ है। इस पत्र में उल्लेख है कि कुछ हिस्सों पर अनाधिकृत रूप से भराव कर प्लॉटिंग की जा रही है।
51 एकड़ में कॉलोनी, 17 एकड़ पर सरकारी दावा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जूटमिल की कुल लगभग 51 एकड़ भूमि में से करीब 17 एकड़ जमीन सरकारी संपत्ति है, जिस पर कब्जा किया गया है।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजरों ने पिछले वर्ष नगर निगम द्वारा गहरीकरण प्रस्तावित तालाब को ही पाट दिया, जिससे क्षेत्र का जलस्तर और पर्यावरण दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
“गुंडे आकर धमकाते हैं, हम डर के साए में हैं”
पूर्व जूटमिल श्रमिकों और स्थानीय निवासियों ने कहा कि कॉलोनाइजर से जुड़े लोगों द्वारा धमकाने और डराने का सिलसिला जारी है।
एक शिकायतकर्ता ने कहा, “हमारी जमीन और तालाब बचाने की बात करते हैं तो गुंडे आकर धमकाते हैं। प्रशासन से न्याय की उम्मीद है।”
कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा — भूमाफियाओं को मिल रहा संरक्षण
विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहा है।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर तालाब और सरकारी भूमि बहाल नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
प्रशासन की सफाई — सीमांकन जारी
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और सीमांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा, “जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई होगी। यदि जलभूमि पर अवैध निर्माण पाया गया तो उसे हटाया जाएगा।”
स्थानीय जनता की मांग — तालाब को पुनः बहाल किया जाए
लोगों का कहना है कि प्रशासन को केवल जांच नहीं, बल्कि तालाब पुनः बहाली की दिशा में भी कदम उठाना चाहिए।
पूर्व जूटमिल श्रमिकों ने कहा-
“यह सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि हमारी विरासत और पर्यावरण की लड़ाई है।”


























