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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में ट्रिपल तलाक का सामने आया पहला मामला, महिला थाना पहुंची पीड़िता, जांच में जुटी पुलिस

डमरूआ न्यूज़, रायगढ़ |

रायगढ़ जिले में ट्रिपल तलाक से जुड़ा पहला मामला सामने आया है, जिससे जिले में महिला अधिकारों और पुलिस जिम्मेदारी पर एक नई बहस छिड़ गई है।

क्या है पूरा मामला?

शहर की एक महिला ने महिला थाना, रायगढ़ में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके पति ने उसे तीन बार ‘तलाक’ कहकर छोड़ दिया, जिससे उसका वैवाहिक जीवन समाप्त हो गया है।
शिकायत के मुताबिक महिला की शादी वर्ष 2020 में झारसुगुड़ा, उड़ीसा निवासी युवक से हुई थी। उन दोनों के एक बेटी भी है. शादी के प्रारंभिक समय में संबंध ठीक रहे, लेकिन कुछ महीनों बाद पति और ससुराल पक्ष द्वारा प्रताड़ना शुरू हो गई।
परिवार के दबाव में आकर पति ने महिला को घर से निकाल दिया और तीन बार तलाक बोलकर विवाह संबंध समाप्त कर दिया।

ट्रिपल तलाक कानून क्या कहता है?

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019

  • भारत सरकार ने 1 अगस्त 2019 को यह कानून लागू किया।
  • इसके तहत:
    • “तीन तलाक” (तलाक-ए-बिद्दत) देना अपराध है
    • सजा: 3 वर्ष तक का कारावास
    • यह एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है
    • पीड़िता की शिकायत पर FIR दर्ज करना अनिवार्य है

इस मामले में पुलिस की क्या है जिम्मेदारी:

  1. पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करना
  2. धारा 4, 5 और 6 के तहत:
    • आरोपी को गिरफ्तार करना, यदि आरोप प्रथम दृष्टया सिद्ध हो
    • महिला को निर्वाह भत्ता और बच्चों की अभिरक्षा दिलवाना
  3. मामला मुस्लिम महिला अधिनियम, 2019 की धारा 3 और 4,
    साथ ही IPC की धारा 498A (क्रूरता), और
    धारा 506 (जान से मारने की धमकी) के अंतर्गत भी दर्ज हो सकता है

देशभर में ट्रिपल तलाक के कुछ प्रमुख मामले :

राज्य वर्ष कुल एफआईआर टिप्पणी
उत्तर प्रदेश 2019-2023 273 से अधिक ट्रिपल तलाक मामलों में सबसे आगे, कई केस लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद में
महाराष्ट्र 2020-2023 80+ औरंगाबाद, नासिक में प्रमुख मामले
मध्यप्रदेश 2021-2024 40+ भोपाल, इंदौर, जबलपुर में दर्ज
छत्तीसगढ़ अब तक (2025) 1 (रायगढ़) यह पहला मामला बताया जा रहा है

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि UP और महाराष्ट्र में जागरूकता अधिक है, जबकि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अब भी पहला मामला दर्ज हो रहा है।

रायगढ़ जिले में यह पहला मामला है जो ट्रिपल तलाक कानून के तहत दर्ज होने की दिशा में है। अब यह देखने वाली बात होगी कि:

  • पुलिस पीड़िता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करती है या नहीं?
  • क्या पुलिस के पास मुस्लिम महिला अधिनियम, 2019 की जानकारी और ट्रेनिंग है?

डमरूआ न्यूज़ की अपील:

  • पुलिस को चाहिए कि वह संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करे
  • महिला आयोग और समाज सेवी संस्थाओं को पीड़िता की सहायता के लिए आगे आना चाहिए
  • समाज में कानून की जानकारी और जागरूकता फैलाना जरूरी है ताकि ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें

रायगढ़ में दर्ज हुआ यह ट्रिपल तलाक का मामला महिला अधिकारों की परीक्षा और पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता की कसौटी है।
ट्रिपल तलाक अब अपराध है — यह सिर्फ धार्मिक नहीं, कानूनी और सामाजिक न्याय का विषय है।

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