Damrua

रेत माफियाओं का राज! घरघोड़ा में खुलेआम रेत तस्करी, प्रशासन मौन दर्शक

— पर्यावरण दिवस पर एनजीटी नियमों की उड़ रही धज्जियाँ

डमरुआ न्यूज़/ रायगढ़/घरघोड़ा।
एक ओर जहां पर्यावरण दिवस पर प्रशासन और जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े भाषण देकर हरियाली और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दुहाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी सच्चाई प्रशासनिक लापरवाही और मिलीभगत की पोल खोल रही है। कंचनपुर और फगुरम घाटों से अवैध रेत खनन और तस्करी का खेल पूरे शबाब पर है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ अब चोरी-छिपे नहीं, बल्कि खुलेआम, डंके की चोट पर किया जा रहा है — मानो यह संदेश दिया जा रहा हो कि अब कानून-व्यवस्था कोई मायने नहीं रखती।

स्थानीय लोगों का कहना है कि घरघोड़ा में नए थाना प्रभारी के पदभार संभालने के बाद रेत तस्करी में अचानक जबरदस्त इजाफा हुआ है। पहले जहां तस्कर रात के अंधेरे में चोरी-छिपे काम किया करते थे, अब दिनदहाड़े डंपर और ट्रैक्टरों में रेत भरकर गांवों और सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

इस पूरी व्यवस्था को देखकर सवाल उठना लाजमी है — क्या पुलिस, खनिज विभाग और राजस्व अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं, या फिर सब कुछ ‘संरक्षण शुल्क’ के नाम पर सेटिंग में चल रहा है? जब NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नदी से रेत खनन के लिए तय नियमों और मानकों का पालन अनिवार्य है, तब यह खुली तस्करी किसकी छत्रछाया में हो रही है?

प्रशासन की चुप्पी अब संदेह को बल दे रही है। पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण और रैली करने वाले अधिकारी क्या इन सवालों से बच पाएंगे?

प्रमुख सवाल जो उठ रहे हैं:

  • क्या नए थाना प्रभारी के आने के बाद तस्करी को मौन स्वीकृति दी गई है?
  • खनिज विभाग की टीमें किन खदानों की निगरानी कर रही हैं?
  • NGT के नियमों को ताक पर रखकर चल रही तस्करी पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
  • क्या यह सब बिना प्रशासन की मिलीभगत के संभव है?

पर्यावरण बचाने की बात करने वाले अगर धरातल पर ऐसी तस्करी को संरक्षण दें, तो नदियां और प्राकृतिक संसाधन बचेंगे कैसे?

अब जनता जानना चाहती है — जिम्मेदार कौन?
रेत माफिया, पुलिस, खनिज विभाग या पूरा तंत्र?


🌊 घोषणाओं में हरियाली, हकीकत में लूट! 🌿

📍 कंचनपुर और फगुरम, रायगढ़ — छत्तीसगढ़

📸 6 जून 2025 | सुबह की ताजा तस्वीरें
रेत तस्करी अब चोरी-छिपे नहीं, खुलेआम डंके की चोट पर!
नदी के बीच ट्रैक्टर, ट्रॉली और डंपर बेधड़क भर रहे हैं रेत,
📌 NGT नियमों की खुली उड़ाई जा रही धज्जियां!

🚨 क्या पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत नहीं?
🛑 पर्यावरण दिवस के अगले ही दिन ये दृश्य क्या दर्शाता है?

👉 प्रशासन मौन क्यों?
👉 खनिज विभाग आंखें क्यों मूंदे है?
👉 क्या यह सब ‘संरक्षण’ में हो रहा है?

📢 जनता सवाल पूछ रही है —
“रेत माफिया को छूट किसकी?”

📍 स्थान:
📌 फगुरम घाट — 7:02 AM
📌 कंचनपुर घाट — 6:54 AM
📷 तस्वीरें खुद गवाही दे रही हैं!

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