सारंगढ़ डेस्क ।।गुडेली क्षेत्र से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक पत्थर खदान में हो रहे खनन की तस्वीरें कैद हैं। यह खनन प्रथम दृष्टया अवैध प्रतीत हो रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच के बाद ही संभव हो सकेगी। बताया जा रहा है कि इस वीडियो में दिख रहा खनन एरिया वास्तव में काफी बड़ा है और इसके पीछे एक गहरा षड्यंत्र छुपा है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय खनिज माफिया अपनी लीज वाली खदान को सुरक्षित रखकर आसपास की बिना लीज वाली जमीनों पर पत्थर निकाल रहे हैं। इस पूरे खेल में न केवल सरकारी रॉयल्टी की चोरी हो रही है, बल्कि भविष्य में अपनी लीज वाली खदान से अधिक मुनाफा कमाने की चाल भी नजर आ रही है। यानी लीज बचा कर रखने की योजना के पीछे आने वाले वर्षों में बड़ा व्यापारिक लाभ कमाने का प्लान भी चल रहा है।
जानकारों का कहना है कि इस खनन नेटवर्क के तार कुछ स्थानीय रसूखदारों और विभागीय अधिकारियों से भी जुड़े हो सकते हैं। संभव है कि इसी ‘संबंधों की मजबूती’ के कारण अब तक किसी तरह की जांच या कार्रवाई सामने नहीं आई है।
क्या कहते हैं नियम?
खनन के लिए लीज होना अनिवार्य है और तय क्षेत्र से बाहर खनन करना न केवल अवैध है, बल्कि यह सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाला गंभीर अपराध है। इस तरह की गतिविधियां ना केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि खनन नीति की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाती हैं।
अब सवाल ये है:
1 क्या प्रशासन इन आरोपों की जांच करेगा?
2 क्या स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली लोगों के कारण ये मामला दबा दिया जाएगा?
3 क्या सरकार इस तरह की रॉयल्टी चोरी पर सख्त एक्शन लेगी?
बहरहाल गुडेली में पत्थरों की इस चुपचाप हो रही लूट पर अब सवाल उठने लगे हैं। वीडियो सामने आने के बाद लोगों की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या सच्चाई बाहर आएगी या यह मामला भी समय के साथ दब जाएगा?