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खनिज विभाग को क्यों नहीं दिखता करोड़ों का नुकसान? अवैध डोलोमाइट खनन का काला सच!

कटंगपाली में अवैध डोलोमाइट खनन का गोरखधंधा

रोजाना 500 टन डोलोमाइट की चोरी! कटंगपाली में खनिज माफिया का बेखौफ खेल?

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कटंगपाली क्षेत्र के महुआपाली और बोंदा के सतगुरु साईं मिनरल के पीछे  खनिज माफिया सरोज और माधव मिरी द्वारा खुलेआम डोलोमाइट पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। हर दिन 400-500 टन पत्थर बिना किसी वैध रॉयल्टी के क्षेत्र के विभिन्न क्रशरों तक पहुंचाया जाता है, जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि खनिज विभाग इस गोरखधंधे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि शिकायत मिलने पर ही खानापूर्ति करता है।

कैसे हो रही है चोरी?

सूत्रों के अनुसार, कटंगपाली में बड़े पैमाने पर पोकलेन और जेसीबी मशीनों का उपयोग कर डोलोमाइट पत्थर निकाला जाता है। इसे मात्र ₹250 प्रति टन के हिसाब से क्रशरों में बेचा जाता है। नियमों के अनुसार, इस खनन पर सरकार को भारी भरकम रॉयल्टी मिलनी चाहिए, लेकिन अवैध खनन के कारण यह राशि सीधे निजी जेबों में जा रही है।

खनिज विभाग की ढिलाई या मिलीभगत?

खनिज विभाग का रवैया बेहद चौंकाने वाला है। जब तक कोई शिकायत नहीं होती, तब तक निरीक्षण नहीं किया जाता और जब जांच होती भी है तो सिर्फ जेसीबी और पोकलेन मशीनों पर मामूली जुर्माना लगाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। सरकार को इस गोरखधंधे से करोड़ों का नुकसान हो रहा है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।

क्या हो सकता है समाधान?

सख्त निगरानी: खनिज विभाग को इलाके में नियमित निरीक्षण करना चाहिए।

सख्त कार्रवाई: अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

रॉयल्टी की वसूली: बगैर रॉयल्टी बेचे गए डोलोमाइट की भरपाई की जाए।


यदि प्रशासन इसी तरह आंख मूंदे बैठा रहा, तो आने वाले समय में न सिर्फ खनिज संपदा की लूट बढ़ेगी, बल्कि सरकार को भारी वित्तीय नुकसान भी झेलना पड़ेगा। क्या शासन अब भी जागेगा या फिर अवैध खनन का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?

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