गुड़ेली और टिमरलगा में अवैध खनन का खेल, प्रशासन क्यों मौन?
टिमरलगा बैरियर पर बिना पर्ची वाहन पास, खनन माफिया के हौसले बुलंद!
Sarangarh news।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में खनन (Mining Mafia) माफिया बेकाबू हो गए हैं। खनिज विभाग की लापरवाही के कारण चूना पत्थर और डोलोमाइट का गैरकानूनी खनन तेज हो गया है। माल ले जाने में रॉयल्टी पर्ची की जरूरत खत्म हो गई है। जिसको खनिज अधिकारी ने साथ दिया, वह बिना पर्ची कहीं भी सामान भेज सकता है।
सारंगढ़ के अवैध क्रशरों का सच: हर रात उड़ता है कानून का मजाक!
खनिज विभाग पर गंभीर आरोप: रॉयल्टी पर्चियों के नाम पर बड़ा घोटाला!
हाल ही में खनिज विभाग रायगढ़ ने टिमरलगा और गुड़ेली के कुछ वाहन पकड़े। हाईवा नंबर सीजी 13 एआर 4036 में 40 टन चूना पत्थर लदा था, लेकिन उसमें रॉयल्टी पर्ची नहीं मिली। यह गाड़ी पहले गुड़ेली के क्रशर से निकली, फिर टिमरलगा बैरियर पहुंची और वहां से रायगढ़ गई। बैरियर पर बिना पर्ची की गाड़ी को रोका नहीं गया क्योंकि क्रशर मालिक और खनिज अधिकारी के बीच मिलीभगत है। ऐसा सिर्फ एक क्रशर नहीं, कई क्रशर कर रहे हैं।
सारंगढ़ में ओवरलोड गाड़ियां और अवैध खदानें: क्या होगा कार्रवाई?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ में खनन माफिया का खेल, रॉयल्टी पर्ची की जरूरत खत्म!
सूत्रों की माने तो और जिसकी चर्चा है क्रशर संचालकों की ओर से एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है जो सारंगढ़ के खनिज विभाग से सालाना पैकेज डील करता है। एकमुश्त समझौते के तहत बिना पर्ची की गाडिय़ां नहीं पकड़ी जाती। लाइमस्टोन और डोलोमाइट की कोई भी गाड़ी सारंगढ़ में नहीं पकड़ी जाती।जो गिट्टी रायगढ़ भेजी जाती है, उसे भी बिना पर्ची के भेज दिया जाता है। कभी-कभी कोई गाड़ी यहां जांच में पकड़ी जाती है।
सारंगढ़ में खनन माफिया का आतंक: रात के अंधेरे में बिना पर्ची उड़ रहे हजारों टन चूना पत्थर!
40 टन चूना पत्थर बिना रॉयल्टी पर्ची: सारंगढ़ का चल रहा खनन घोटाला !
रात को जितनी भी हाईवा गिट्टी लेकर पहुंचती हैं, किसी में पर्ची नहीं होती। ओवरलोड गिट्टी ढोना तो सामान्य सी बात है। 40 टन की पर्ची में 5-7 टन ज्यादा ही गिट्टी होती है। गुड़ेली और टिमरलगा में करीब सौ क्रशर हैं, जिनमें चूना पत्थर का उत्पादन हो रहा है। वैध खनिपट्टे तो करीब 45 ही हैं। अवैध खदानें बेहिसाब हैं। हर जमीन के नीचे चूना पत्थर होने की वजह से कई क्रशर संचालक ग्रामीणों की जमीन खरीदकर या लीज एग्रीमेंट के जरिए अवैध खनन कर रहे हैं।
Mining Mafia के इशारों में क्रशरों में खप रहा अवैध पत्थर
ये एक अलग ही कहानी है। देखिए, चूना पत्थर की जो अवैध खदानें हैं, उनमें से निकले बड़े-बड़े बोल्डरों को क्रश करने के बाद, इसे रॉयल्टी पर्ची के जरिए सप्लाई किया जाता है। कुछ खनिपट्टे तो ऐसे हैं, जिनसे कोई उत्पादन ही नहीं होता, बस दिखावे के लिए ही सब किया जाता है। और तो और, अवैध खनिजों को जैसे-तैसे वैध बनाने के लिए खनिज विभाग रॉयल्टी पर्ची दे देता है।
खनन माफिया का गढ़ बना सारंगढ़: बैरियर कर्मचारी भी शामिल, हर गाड़ी के लिए ‘फिक्स’ रेट!
सारंगढ़ में अवैध खनन का गोरखधंधा: नियम-कानून ताक पर, करोड़ों का नुकसान।
बैरियर पर बैठे कर्मचारी, बिना कोई जांच किए, गाड़ियों को बाहर निकालने में लगे रहते हैं। हर वाहन के लिए एक निश्चित राशि तय है। और एसेसमेंट में तो खनिज विभाग की गड़बड़ियों की कोई सीमा ही नहीं है। अब बात करें आस-पास की जमीनों की, तो खनिपट्टा धारक टिमरलगा, गुड़ेली, सेंदुरस, लालाधुरवा, और खर्री बड़े गांव में अपने लीज एरिया से कहीं ज्यादा खनन कर चुके हैं।
सारंगढ़ में अवैध खनन पर प्रशासन का साइलेंट मोड: कौन रोकेगा ये खेल?
खनिज विभाग की मेहरबानी या मिलीभगत? सारंगढ़ में खुलेआम चल रहा अवैध खनन!
खनिज और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम बनाकर कभी भी जांच नहीं कराई गई। खनिज विभाग तो चाहता ही नहीं कि कोई जांच हो। अगर ऐसा हुआ तो उनकी गलतियों का पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए, क्रशरों का इस्तेमाल अवैध कमाई के लिए किया जा रहा है। और, फ्लाईएश से सबूत मिटाने के लिए गड़बड़ी की जा रही है। ये सब देखकर तो बस एक ही सवाल मन में आता है, क्या सच में कोई इस पर ध्यान देगा?
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