Balrampur News।छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के हड़हीतर गांव में स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर होती जा रही हैं। इस छोटे से गांव, जहां करीब 150 लोग रहते हैं, में 100 से ज्यादा लोग दांतों की समस्याओं से जूझ रहे हैं। पीले और सड़े हुए दांत यहां आम हो चुके हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 20 से 25 लोगों में कम उम्र में ही झुककर चलने की समस्या विकसित हो गई है।
जानकारी के अनुसार, रामचंद्रपुर विकासखंड की चाकी पंचायत के इस गांव में पानी की गुणवत्ता बड़ी समस्या है। गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के दांत खराब पानी के कारण पीले हो गए हैं और धीरे-धीरे खराब होते जा रहे हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं मिल पाया है
ग्रामीणों ने बताया कि वेद हकीम से लेकर डॉक्टर को भी दिखाया, लेकिन आज तक यह बीमारी ठीक नहीं हुई। कमर से झुक कर चलने की समस्या को लेकर भी लाखों रुपए खर्च कर दिए गए। लेकिन बीमारी का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया। गरीबी के वजह से लोगों में हिम्मत भी नहीं है कि इस बीमारी को लेकर भागदौड़ करें और महंगे हॉस्पिटल में जाकर डॉक्टर को दिखाएं। ग्रामीणों ने बताया की बच्चे जन्म लेते हैं तब 3 से 5 साल होते तक उनके दांत स्वस्थ रहते हैं। उसके बाद धीरे-धीरे उनके दांत पीले होने के साथ-साथ सड़ने लगते हैं। युवाओं और बुजुर्गों के साथ भी ऐसा ही समस्या बनी हुई है।
लोगों का कहना है कि घरों में बोरवेल से पानी पी रहे हैं। कई बोरवेल से पानी इतना गर्म निकलता है कि पीना तो दूर की बात पानी को छूने से उंगली जल जाता है। पीने के लिए पानी के ठंडा होने का इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि घर के बर्तन में पानी शाम को रखते हैं और सुबह होते ही पानी हो या बर्तन पीले पड़ जाते हैं। लोगों के पास स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस वजह से ऐसे पानी को ही पीना पड़ रहा है। हड़हीतर गांव के लोग बीमारी से जूझ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग हो या फिर पीएचई विभाग को आज तक लोगों की समस्या की जानकारी तक नहीं थी। हालांकि, मामला सामने आने के बाद अब CMHO डॉक्टर बसंत सिंह ने कार्रवाई की बात कही है। वही पीएचई विभाग के ईई ने इस मामले को सुनने से भी इनकार कर दिया।