Sarangarh News।।सारंगढ़ के नवीन विद्यालय में 9 नवम्बर को विधिक दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नगर पालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर छात्रों को कानून के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता एवं नगर पालिका परिषद के अधिकृत अधिवक्ता श्री प्रकाश उमार चौधरी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आरंभ 11 बजे किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों को विधिक दिवस का महत्व, इसका उद्देश्य, और इसे मनाने के कारणों की जानकारी दी गई। श्री चौधरी ने बच्चों को कानून के प्रति जागरूक करते हुए, उन्हें बताया कि विधिक जागरूकता का महत्व कितना अधिक है। उन्होंने छात्रों को कानून की बुनियादी जानकारी प्रदान की और समझाया कि एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए कानून का ज्ञान और उसका सम्मान करना कितना आवश्यक है।
कार्यक्रम में विशेष तौर पर विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में बताया गया। छात्रों को विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों और कार्यों के बारे में जानकारी दी गई ताकि वे समझ सकें कि समाज में न्याय की पहुंच को सुनिश्चित करने में इसकी क्या भूमिका है। इसके अलावा, उन्होंने बच्चों को कानून की पढ़ाई के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि भविष्य में वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रह सकें।
इस अवसर पर उपस्थित अधिवक्ताओं ने बच्चों को अपराध से संबंधित विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि आज के समय में अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच, बच्चों को सतर्क रहना और कानूनी नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने से होने वाले खतरों और इसके कानूनी परिणामों की जानकारी देते हुए, बच्चों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही, पॉक्सो एक्ट और इससे जुड़े कानूनों की भी जानकारी दी गई, ताकि बच्चों को अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस कार्यक्रम में नगर पालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य पाणिग्राही सर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्रों को शिक्षा के महत्व को समझाया और इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा ही उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाएगी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति ही कानून का सम्मान करता है और समाज में अच्छे नागरिक की भूमिका निभा सकता है। प्राचार्य ने बच्चों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने का संदेश देते हुए उन्हें अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं, अधिवक्ता तिवारी सर, शिक्षिका दुमिली मिश्रा, एवं स्वर्णकार सर ने भी छात्रों को संबोधित किया और उनके सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विधिक जागरूकता न केवल उनके वर्तमान के लिए बल्कि उनके भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विद्यालय के सभी शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों ने विशेष सहयोग दिया। सभी ने विधिक जागरूकता बढ़ाने के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में कानूनी समझ और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।