बीजापुर Bijapur News Cg।बीजापुर के रेखापल्ली क्षेत्र में शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस ने मौके से तीन नक्सलियों के शव बरामद किए हैं और एक एसएलआर राइफल सहित भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किया है। इस मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), कोबरा बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल थे।
कैसे शुरू हुआ मुठभेड़?
सुरक्षा बलों को बीजापुर जिले के उसूर-बासागुड़ा-पामेड़-तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों की सक्रियता की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर एक विशेष सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। शुक्रवार की सुबह 11 बजे के करीब, जब जवान रेखापल्ली-कोमठपल्ली के घने जंगलों में सर्चिंग कर रहे थे, तभी नक्सलियों ने अचानक हमला कर दिया।
इस हमले का जवानों ने तत्परता से जवाब दिया और दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए। पुलिस ने घटनास्थल से दो नक्सलियों के शव, एक एसएलआर राइफल और अन्य हथियारों के साथ भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है।
सुरक्षा बलों का मिशन
बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य नक्सली नेटवर्क को कमजोर करना और उनके हथियारों का भंडार खत्म करना है। शुक्रवार को हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जिससे नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन जारी
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से दो नक्सलियों के शव बरामद किए हैं और मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त की जा रही है। जवानों ने घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, गोलाबारूद और अन्य हथियार बरामद किए हैं। पुलिस का मानना है कि मारे गए नक्सली क्षेत्र के सक्रिय माओवादी हो सकते हैं, जिनकी उपस्थिति के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक का माहौल बना हुआ था। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इलाके में और भी सघन सर्च ऑपरेशन जारी रखा है ताकि छुपे हुए अन्य नक्सलियों को भी पकड़ सके।
सुरक्षा बलों के बढ़ते कदम
इस मुठभेड़ में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की टीम ने बेहतरीन सामरिक योजना के साथ नक्सलियों के खिलाफ सफल कार्रवाई की। यह ऑपरेशन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ते सुरक्षा बलों के दबाव को भी दिखाता है, जहां नक्सली लगातार अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार और सुरक्षा बलों का उद्देश्य है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित की जाए और लोगों को सुरक्षित वातावरण मिले।
नक्सलियों पर दबाव बनाने की रणनीति
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार नक्सलियों पर दबाव बना रही हैं। यह मुठभेड़ इस रणनीति का ही एक हिस्सा है, जिसमें सुरक्षा बल लगातार नक्सली गुटों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और उनके ठिकानों पर दबाव बना रहे हैं। बीजापुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में कई नक्सली मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें से कई नक्सली मारे गए हैं और कई आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं।
सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों के हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं और अपने रणनीतिक अभियानों के माध्यम से उनके नेटवर्क को तहस-नहस करने की कोशिश में जुटी हैं।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का मनोबल मजबूत
बीजापुर की इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों का मनोबल और भी ऊंचा हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी सफलताओं से जवानों में आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें अपनी ड्यूटी निभाने की प्रेरणा मिलती है। सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस मुठभेड़ में शामिल जवानों की सराहना की है और कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई में जवान पूरी मुस्तैदी से लगे हुए हैं।
मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, जिससे यह साफ होता है कि सुरक्षा बलों की योजना और कार्यवाही में आम नागरिकों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
नक्सलवाद पर नियंत्रण के प्रयासों की सराहना
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही सक्रिय कार्यवाहियों की सराहना हो रही है। इस प्रकार की मुठभेड़ न केवल नक्सली संगठनों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि उन स्थानीय निवासियों के लिए भी एक उम्मीद की किरण है जो इन इलाकों में नक्सलवाद के भय के साए में जीते हैं।
सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता देते हुए कई विकास योजनाएं भी शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास और वहां के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ना है।
बहरहाल बीजापुर की इस मुठभेड़ में तीन नक्सलियों का मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। माओवाद के खिलाफ इस जंग में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और उनके सफल अभियानों से यह उम्मीद है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जल्द ही शांति और विकास का माहौल स्थापित हो पाएगा।