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BREAKING NEWS:सारंगढ़ राज्योत्सव की तैयारी के दौरान करंट से शिक्षक की दर्दनाक मौत

 

सारंगढ़ Sarangarh News– राज्योत्सव समारोह की तैयारियों के बीच सारंगढ़ में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सारंगढ़ में राज्योत्सव के भव्य आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। इसी दौरान शिक्षा विभाग के स्टॉल में फ्लैक्स लगाने का कार्य हो रहा था, जिसमें शिक्षा विभाग के एक सरकारी शिक्षक भगत राम पटेल (उम्र 52 वर्ष) की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। भगत राम पटेल भेड़वन के निवासी थे और संकुल समन्वयक के पद पर कार्यरत थे।

घटना का विवरण

शिक्षा विभाग के स्टॉल पर भगत राम पटेल अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फ्लैक्स लगाने में व्यस्त थे। तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सभी कर्मचारी पूरे जोश के साथ कार्य कर रहे थे। इसी दौरान किसी कारणवश फ्लैक्स लगाने की प्रक्रिया में भगत राम पटेल एक विद्युत प्रवाहित तार के संपर्क में आ गए। करंट लगते ही वह बुरी तरह से झटके में आ गए और देखते ही देखते वहीं गिर पड़े। उनके सहकर्मियों ने तुरंत उन्हें बचाने का प्रयास किया और नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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मौत से मचा हड़कंप

घटना की जानकारी मिलते ही राज्योत्सव स्थल पर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। प्रशासन के अधिकारी, पुलिस और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। समारोह स्थल पर भगत राम पटेल की मृत्यु से पूरे आयोजन स्थल पर शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मी, मित्र और उनके परिजन इस हादसे से सदमे में हैं। प्रशासन ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

प्राथमिक जांच और सुरक्षा में लापरवाही का सवाल

इस दुर्घटना के बाद राज्योत्सव के आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। प्राथमिक तौर पर यह बात सामने आ रही है कि आयोजन स्थल पर सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम नहीं किए गए थे। स्टॉल लगाते समय इलेक्ट्रिक सुरक्षा उपकरणों का अभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था, जिससे दुर्घटना हुई है।

भगत राम पटेल की जीवनी और शिक्षा विभाग में योगदान

भगत राम पटेल एक कर्मठ शिक्षक थे और लंबे समय से शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे। संकुल समन्वयक के रूप में वह न सिर्फ बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे, बल्कि अध्यापकों और स्कूलों के बीच एक सेतु का कार्य भी कर रहे थे। शिक्षा विभाग में उनकी लोकप्रियता और उनकी कार्यनिष्ठा के कारण वह अपने सहकर्मियों और विद्यार्थियों के बीच एक प्रेरणास्रोत थे। उनके आकस्मिक निधन से शिक्षा विभाग ने एक प्रतिबद्ध शिक्षक को खो दिया है।

 

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