सारंगढ़ Sarangarh News– गुडेली में संचालित शौर्य क्रेशर के संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बेखौफ होकर क्रशिंग कार्य में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि पर्यावरण और खनिज विभाग की ढिलाई और मेहरबानी के चलते यहां एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों को खुलेआम नजरअंदाज किया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन करते हुए शौर्य क्रेशर में धड़ल्ले से कार्य की जाती है, जबकि पर्यावरणीय और कानूनी नियमों की जांच या कार्रवाई का कोई अता-पता नहीं है।
एनजीटी नियमों का उल्लंघन
एनजीटी ने खनन और क्रशिंग कार्यों को पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़े नियम बनाए हैं, जिनमें धूल नियंत्रण, जल प्रदूषण रोकथाम और आसपास की वनस्पति को सुरक्षित रखने जैसे प्रावधान शामिल हैं। लेकिन शौर्य क्रेशर में इन सभी नियमों को दरकिनार कर बेधड़क क्रशिंग गतिविधियां चलाई जाती हैं, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
कार्रवाई का अभाव
पर्यावरण और खनिज विभाग की उदासीनता इस स्थिति को और भी चिंताजनक बना रही है। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों की ओर से शौर्य क्रेशर की जांच या कार्रवाई में कोई गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग के अधिकारी जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण और नियमों की अनदेखी का सिलसिला बिना रोक-टोक जारी है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले ने प्रशासन और संबंधित विभागों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का मानना है कि अगर इसी तरह नियमों का उल्लंघन होता रहा और अधिकारियों ने आंखें मूंदे रखीं, तो जल्द ही क्षेत्र की पर्यावरणीय स्थिति और खराब हो सकती है।