डमरुआ डेस्क।।छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस हर वर्ष 1 नवंबर को मनाया जाता है, जो इस राज्य के लिए गर्व और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राज्योत्सव का आयोजन 4 से 6 नवंबर तक किया जा रहा है, जिसमें पूरे राज्य के जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
कैसे हुआ छत्तीसगढ़ का गठन?
1 नवंबर 2000 को, छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग कर एक नया राज्य बनाया गया। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जो उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक पहचान को निखारने का अवसर था। राज्य बनने से पहले, इस क्षेत्र के लोगों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। इस आंदोलन की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही पनपने लगी थीं, जब लोगों ने अपनी विशिष्ट भाषा, संस्कृति और परंपराओं को मान्यता दिलाने की मांग की थी।
जनसंख्या, क्षेत्र और प्रशासनिक स्थिति
छत्तीसगढ़ गठन के समय इस राज्य में लगभग 2 करोड़ की आबादी थी और इसमें 16 जिले शामिल थे। जनसंख्या का बड़ा हिस्सा ग्रामीण था, और यहाँ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और खनन पर आधारित थी।
राज्य गठन की मांग कब और कैसे उठी?
छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने की चिंगारी सबसे पहले 1920 के दशक में सुलगी, जब यहाँ के लोगों ने महसूस किया कि उनके क्षेत्र को अलग प्रशासनिक और राजनीतिक पहचान मिलनी चाहिए। अलग राज्य की मांग सबसे पहले ‘छत्तीसगढ़ महतारी’ और ‘छत्तीसगढ़ राज्य संग्राम समिति’ जैसे आंदोलनों में सामने आई। स्वतंत्रता के बाद, 1950 और 60 के दशक में समाजसेवियों और क्षेत्रीय नेताओं ने इसे लेकर आवाज उठाई। धीरे-धीरे यह मांग राजनीति का मुख्य मुद्दा बन गई, और कई नेताओं ने इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कौन थे इस आंदोलन के प्रमुख चेहरे?
अलग राज्य की मांग में प्रमुख योगदान देने वाले नेताओं में से कई नाम हैं, जिनमें पं. सुंदरलाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, और मिनीमाता शामिल थे। इन नेताओं ने क्षेत्र की विशिष्ट पहचान को बनाए रखने की बात पर जोर दिया। बाद में, राजनांदगांव, दुर्ग और बिलासपुर जैसे जिलों से भी राज्य गठन के लिए आंदोलन ने जोर पकड़ा।
केंद्रीय सरकार का निर्णय और छत्तीसगढ़ का गठन
1980 के दशक के अंत में, अलग राज्य की मांग पर चर्चा तेज हुई। अंततः, केंद्र सरकार ने 1999 में इस पर विचार करते हुए छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। 25 अगस्त 2000 को संसद में ‘मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम’ पारित हुआ और 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ भारत का 26वां राज्य बना।
छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस पर इस गौरवशाली यात्रा को याद करना यह दिखाता है कि कैसे इस राज्य ने अपनी पहचान के लिए संघर्ष किया और आज विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है।