सारंगढ़ Sarangarh News: बुजुर्गों के प्रति सम्मान और उनका उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से श्री शांति सीता सेवा समिति, सारंगढ़ द्वारा जूनाडीह वृद्ध आश्रम में एक विशेष संध्या पार्टी का आयोजन किया गया। “हम भी तैयार पार्टी के लिए है” की तर्ज पर आयोजित इस पार्टी में वृद्ध माताओं और बुजुर्गों ने गर्मजोशी और आनंद के साथ भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बुजुर्गों को खुशियां प्रदान करना और उन्हें परिवार का एक अभिन्न हिस्सा महसूस कराना था।
यह आयोजन जूनाडीह वृद्ध आश्रम के गार्डन में संध्या के समय किया गया, जहां बुजुर्गों के लिए विशेष तौर पर नाश्ते का प्रबंध किया गया था। कार्यक्रम में मौसमी फलों, सीताफल, पेड़ा, नमकीन और लीची जूस जैसे स्वादिष्ट पदार्थों का आयोजन किया गया। आश्रम के बुजुर्गों ने पूरे मन से इन व्यंजनों का स्वाद लिया और साथ ही, उनके चेहरों पर संतोष और प्रसन्नता स्पष्ट दिखाई दी। श्री शांति सीता सेवा समिति के सदस्यों का मानना है कि बुजुर्गों को खुश और संतुष्ट रखना समाज की जिम्मेदारी है, और यह आयोजन इसी दिशा में एक कदम था।
इस विशेष संध्या पार्टी के दौरान समिति के सदस्यों ने दीपावली के शुभ अवसर की भी बधाई दी। समिति के सदस्यों ने अपने संबोधन में कहा कि दीपावली का पर्व केवल रोशनी का नहीं, बल्कि जीवन में खुशियां और प्रेम लाने का प्रतीक है। उन्होंने आश्रम के बुजुर्गों को इस पर्व की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनके आशीर्वाद से ही इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस अवसर पर बुजुर्गों ने दीपावली के त्योहारी माहौल का आनंद लिया और अपने अनुभव साझा किए।
बुजुर्गों ने भी इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन उन्हें परिवार का हिस्सा महसूस कराते हैं और उनकी यादों में इस तरह की खुशियों का अपना अलग स्थान होता है। आश्रम में रहने वाली एक वृद्ध महिला ने कहा, “हमारे पास परिवार तो नहीं है, लेकिन समिति ने जो अपनापन दिया है, वह हमें किसी परिवार से कम नहीं लगता। इस प्रकार की पार्टी से हमें ऐसा महसूस होता है कि हम अब भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।”
समिति के प्रमुख महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि “हमारी समिति का उद्देश्य है कि बुजुर्गों को सम्मान और खुशी मिले। वृद्धावस्था में भी वह खुश रहें और उन्हें यह महसूस हो कि समाज उनका ख्याल रखता है। इसी वजह से हमने दीपावली से पूर्व यह संध्या पार्टी का आयोजन किया है।” समिति के अन्य सदस्यों ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि बुजुर्गों को जीवन में प्रेम और अपनत्व का एहसास होता रहे।
इस आयोजन में समिति के कई सदस्यों ने सेवा का कार्य किया, और पूरे समर्पण से कार्यक्रम को सफल बनाया। पार्टी में हंसी-खुशी का माहौल देखने को मिला, और बुजुर्गों ने न केवल स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया, बल्कि आपस में बातचीत कर अपनी यादें भी ताजा कीं। आश्रम के गार्डन में सजी पार्टी का माहौल देखते ही बनता था, जहां बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान और संतोष झलक रहा था।
श्री शांति सीता सेवा समिति की इस पहल ने यह साबित किया कि बुजुर्ग केवल समाज का हिस्सा नहीं बल्कि उसकी धरोहर हैं। ऐसे आयोजनों से यह संदेश जाता है कि समाज अपने बुजुर्गों को भूला नहीं है, और उनकी खुशियों में शामिल होकर ही हम सच्चे समाज का निर्माण कर सकते हैं।