कलेक्टर ने दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण कर अधिकारीयों को दिए आवश्यक निर्देश
गौरेला पेंड्रा मरवाही, लीना कमलेश मंडावी ने मरवाही विकासखंड के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के बालक एवं बालिका छात्रावासों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारीयों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने शुक्रवार को देर रात पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास मरवाही, प्री मैट्रिक आदिवासी बालक एवं कन्या छात्रावास सिवनी, कमला नेहरू प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास निमधा और प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास निमधा का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था, भोजन, पढ़ाई लिखाई, साफ-सफाई, परिसर में प्रकाश व्यवस्था, स्वास्थ्य परीक्षण आदि का जायजा लिया। कलेक्टर ने छात्रावास के अधीक्षकों तथा बच्चों की दर्ज संख्या एवं छात्रावास में उपस्थिति की जानकारी ली।
कलेक्टर ने छात्रावास के बच्चों से बात की और उन्हें मिलने वाले भोजन के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि छात्रावास में किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं है। कलेक्टर ने बच्चो से पढ़ाई-लिखाई की बात की, बच्चों से पहाड़ा सुनाने के लिए बोला गया और कौन क्या बनना चाहते है उसके लिए लक्ष्य भी निर्धारित करे और मेहनत करने को कहा जिससे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने बच्चों को रट्टा मारकर नही बल्कि समझकर पढ़ने के लिए और विधार्थी जीवन अनुशासित होने की बात कही साथ ही पढ़ाई करने में उनका मनोबल बढ़ाया।
क्लेक्टर ने छात्रावास में चल रहे निर्माण का निरीक्षण किया तथा अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही परियोजना प्रशासक डॉ ललित शुक्ला ने अपने अनुभव साझा करते हुए बच्चों को बताया कि अब आपके पास बहुत ज्यादा सुविधाए उपलब्ध हो गई है, पहले हम बैठने के लिए बस्ता में घर से बोरा लेके जाते थे अब यह स्थिति नहीं है। उन्होंने एक आदर्श विद्यार्थी में होने वाले पंचगुण के बारे में बताते हुए कहा कि ‘ काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्’ श्लोक का अर्थ भी बच्चों को समझाया गया और कहा ये पांच गुण हमेशा विधार्थी होना चाहिए जिससे आप आगे बढ़ सकते हैं। निरीक्षण के दौरान पर्यटन विकास के जिला नोडल डॉ राहुल गौतम भी उपस्थित थे।