बिलासपुर। मरवाही वनमंडल के पेंड्रा वन क्षेत्र में( fraud in forest department )वन विभाग के निर्माण कार्यों में 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी गड़बड़ी के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से एक भी रॉयल्टी रसीद पेश नहीं की गई। विभाग ने कहा कि रॉयल्टी उनके दफ्तर में रखा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को शासन के जवाब पर प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह तय कर दी है।
(fraud in forest department )मामला पेंड्रा के वन क्षेत्र में 121 एनीकट (छोटे बांध) के निर्माण से जुड़ा है। एनीकट निर्माण कार्य के लिए बड़ी संख्या में ट्रकों और हाइवा के माध्यम से रेत और गिट्टी जैसी खनिज सामग्री की सप्लाई की गई। नियमों के अनुसार, हर वाहन से रॉयल्टी की रसीद लेकर ही भुगतान किया जाना था, लेकिन वन विभाग ने बिना रसीद देखे ही खनिज परिवहनकर्ताओं को पूरा भुगतान कर दिया। इनमें करीब 3 करोड़ 80 लाख रुपये की रॉयल्टी सरकार को मिलनी थी।