रुपये न देने पर प्रसव के बाद खुशी अस्पताल के संचालक द्वारा प्रसूता और नवजात को बंधक बनाने के बाद छुड़ाने के लिए 20 हजार में बच्चा बेचने का मामला
कुशीनगर khusinagar। अवैध रूप से संचालित एक प्राइवेट अस्पताल ने प्रसव के बाद परिजनों द्वारा मुंहमांगा रकम देने मे असमर्थता जताने पर अस्पताल संचालक ने जच्चा-बच्चा को बन्धक बना लिया। इसके बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे पिता ने दलाल के माध्यम से बीस हजार रुपये मे अपनी औलाद को पडोसी राज्य बिहार के एक व्यक्ति के हाथो बेच दिया। इसकी भनक जब प्रशासन को हुई तो सबके कान खड़े हो गये। एक्शन मोड मे तत्काल डीएम और एसपी मौके पर पहुचकर घटना की पूरी जानकारी ली और मातहतों को कार्यवाही करने का सख्त निर्देश दिया। नतीजतन पुलिस ने बच्चे को बरामद कर अस्पताल संचालक के अलावा दलाल सहित बच्चा खरीदने वाले पांच लोगो को गिरफ्तार कर लिया है।शर्मसार करने वाला यह मामला कुशीनगर जनपद के बरवापट्टी थाना क्षेत्र का है। बताया जाता है कि दशहवा भेडिहारी गांव के निवासी हरेश पटेल की पत्नी लक्ष्मीना देवी को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई। हरेश उसे लेकर गांव के एक निजी अस्पताल गया, जहां महिला का नार्मल प्रसव हुआ। हरेश अपनी पत्नी को लेकर खुशी क्लिनिक पहुंचा जहां लक्ष्मीना देवी का सामान्य प्रसव हुआ। इसके बाद अस्पताल संचालक ने मुंहमांगा रकम की मांग की। पिता द्वारा रुपये देने में असमर्थता जाहिर करने पर खुशी अस्पताल के संचालक ने प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया। इसी दरम्यान आर्थिक तंगी से परेशान हरेश से एक महिला मिली और बेटे को गोदनामा के नाम पर 20 हजार में बेचने की बात कही। पूरी रात परेशान हरेश को जब कुछ नहीं सूझा तो गुरुवार की सुबह अपने पांचवें नंबर के दो वर्षीय बेटे राजा को बिहार के भोला यादव के हाथों बीस हजार में बेच दिया और अस्पताल में चार हजार रपये देकर पत्नी को अस्पताल से लेकर घर आया। घर पर जब लक्ष्मीना को अपना सबसे छोटा बेटा दिखाई नहीं दिया तो हरेश से पूछताछ की। फिर क्या हरेश ने पूरी घटना लक्ष्मीना को बताया। पूरी घटना सुनने के बाद लक्ष्मीना अपने जिगर के टुकड़े के लिए रोने-बिलखने लगी। इसके बाद यह बात बात गांव में जंगल मे आग की तरह फैल गई। इनसेट–तमकुहीराज तहसील मे हुआ खरीद-फरोख्त–पीडि़त हरेश ने बताया कि बच्चा बेचने का सुझाव देने वाली महिला उसे तमकुहीराज तहसील में लेक गई थी जहां बिहार का रहने वाला भोला यादव चार पहिया वाहन से आया और रुपये देकर बच्चे को कार में लेकर चलागया। पीडित ने बताया कि इससे पहले स्टांप पर अंगूठा लगवाया और बोला कि कोई पूछे तो कह देना कि एक रिश्तेदार को बच्चे को गोदनामा दिया है। इनसेट–पुलिस ने गंभीरता से नही लिया–बताया जाता है कि जब इसकी जानकारी गांव वालो को हुई तो गांव वालों ने तत्काल बरवापट्टी थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।इनसेट– सिपाही घर पहुचा– गांव में बच्चा बेचने का शोर मचा तो एक सिपाही पीडि़त के घर बाइक से पहुंचा और कार्रवाई की धौंस देकर पांच हजार रुपये लेकर चला गया। ऐसा पीडि़त का कहना है। सिपाही की इस करतूत की चर्चा पूरे गांव वालों में है।इनसेट– डीएम और एसपी बोले– जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया कि फर्जी गोदनामे के आधार पर बच्चे को दिया गया था जिसकी जांच के बाद बच्चे को बरामद कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र ने बताया कि इस पूरे मामले में सीओ तमकुहीराज को प्रकरण की जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिए गए हैं। रुपए के अभाव में प्रसूता को बंधक बनाने वाले अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है इसके अलावा बच्चा खरीदने वाले और बिचौलिए का काम करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी ने कहा कि इस प्रकरण की जांच करायी जा रही है जो भी इसमें दोषी पाया जायेगा उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।