रामानुजगंज। राष्ट्रीयकृत वनोपज के तस्करी में लिप्त सुन्दरपुर निवासी असगर अंसारी पिता सोवराती को जेल दाखिल किया गया।
वन परिक्षेत्र-धमनी अंतर्गत कक्ष क्रमांक पी 872 से जप्त 200 नग 11.235 घ.मी. खैर ईमारती राष्ट्रीयकृत वनोपज के तस्करी में लिप्त सुन्दरपुर निवासी असगर अंसारी पिता सोवराती को जेल दाखिल किया गया। अंतर्राजीय तस्कर गिरोह के बिहार राज्य के 2 आरापियों के संलिप्त होने के प्रमाण मिले। आरोपियों के विरूद्ध आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों में हित) अधिनियम 1999 की धारा 9 (1) एवं(2), भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 41 (3), मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 2000 (नियम-3)मध्यप्रदेश वनोपज व्यापार विनियमन अधिनियम 1969 की धारा 5 (1) के साथ लोक सम्पत्ति नुकसान निवारणअधिनियम 1984 की धारा 3 (1) अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
प्रकरण में आरोपी असगर अंसारी ने खुलासा किया
कि बिंडमगंज से 5-6 श्रमिक बुलाकर, ग्राम-बरवाही में कैम्प कर लगभग 20-25 दिनों तक सुन्दरपुर ग्राम के
आस-पास के 12 ग्रामीण गणेश पण्डो, रामसाय गोड़, मानसिंह गोड़, रामसिंह, गोड़, रामवृक्ष गोड़, लोटन गोड़,
देवरूप गोड़, राजकुमार अहिर, गंगालाल गोड़, रामहुलास गोड़, छोटेलाल कोईरी एवं अयोध्या कुशवाहा के निजी
भूमि पर उगे 25 नग खैर वृक्षों को आरे एवं कुल्हाड़ी की सहायता से कटाई किये। कटे टुकड़ों को उपरी सतह सेप
उड को छीलकर अंदर के हार्ड उड को ट्रैक्टर से परिवहन कराकर वनक्षेत्र में ट्रकेबल पॉईंट पर बड़े वाहन से बाहर
ले जाने के उद्देश्य से डम्प किया गया था, जिसकी जप्ति की गई थी।प ग्रामीणों के निजी भूमि पर 16 नग 1.383 घ.मी. एवं 25 नग 1.892 घ.मी. खैर छिला हुआ काष्ठ की जप्ति राजस्व विभाग द्वारा की जाकर प्रकरण प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में विहार राज्य के आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी से अवैध परिवहन में लिप्त वाहन ट्रैक्टर एवं कटाई में शामिल अन्य आरोपियों एवं अंतर्राजीय खैर काष्ठ के तस्करों का खुलासा होगा।