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मंगल राइस मिल का अजब-गजब कारनामा। मामला सामने आते ही प्रशासन की नींद खुली।

मंगल राइस मिल का अजब-गजब कारनामा।

मामला सामने आते ही प्रशासन की नींद खुली।

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खबरों का तांडव, हरिओम पाण्डेय कोरिया। जिले के अंतर्गत चितमारपारा स्थित मंगल राइस मिल में प्रदेश का पहला व अनूठा मामला सामने आया है। विभाग द्वारा बंद राइस मिल का 38000 क्विंटल से अधिक का डीओ काट दिया गया। वही धान खरीदी केंद्र से धान का उठाव भी कर लिया गया लेकिन एफसीआई , नान में निर्धारित मात्रा में चावल नहीं जमा पाया गया। जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आया संबंधित राइस मिल में छापामार कार्यवाही की गई। राइस मिल के भौतिक सत्यापन में धान खरीदी वर्ष 2023-24 में लगभग 38 हजार क्विंटल से अधिक धान उठाव के विरुद्ध निर्धारित 2635 हजार क्विंटल चावल एफसीआइ, नान गोदाम में जमा करना था, लेकिन मिलर के द्वारा मात्र 28.98 मेट्रिक टन चावल जमा किया गया है। गठित जांच दल टीम को शेष धान व जमा चावल के बारे में राइस मिलर के द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी। तीन दिन के दिए गए समय के हिसाब से सही जवाब प्रस्तुत नही करने पर आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है ।

बिजली बिल यूनिट नार्मल, फिर मिलिंग कहा से हुई।

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मिली जानकारी के अनुसार लगभग तीन वर्षो से बंद मंगल राइस मिल में बड़ी मात्रा में समिति से धान उठाव का बड़ा खेल जारी है। धान उठाव के बदले निर्धारित मात्रा में एफसीआई और नान को चावल जमा नही किया गया है। जिला प्रशासन को जानकारी मिलने के बाद राइस मिल का भौतिक सत्यापन धान और चावल को जांच राइस मिलर को नोटिस दिया जाकर कार्यवाही करने की बात कही गई है । आपको बता दें चितमारपारा में स्थित मंगल राइस मिल के पास में रहने वाले रहवासियों के अनुसार राइस मिल पिछले तीन वर्षो से बंद है। ग्रामीणों के बात की पुष्टि इस बात से होती है की बंद राइस मिल का बिजली बिल यूनिट नॉर्मल है। यदि राइस मिल संचालित होती तो बिजली की खपत बड़े यूनिट में रहती। इससे प्रतीत होता है आसपास के ग्रामीण सही बात कह रहे हैं।

निष्पक्ष जांच में कई संबंधित विभाग के अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई।

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इस विषय में क्षेत्र के लोग चाहते हैं, मामले निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कार्यवाही हो। वास्तव में यदि सही तरीके से जांच हो तो धान खरीदी समिति, राइस मिल, विपणन अधिकारी, खाद्य विभाग , एवं धान खरीदी के समय गठित की गई टीम की बड़ी चूक मानी जायेगी। इतनी बड़ी मात्रा में बंद राइस मिल के द्वारा धान खरीदी केंद्र से धान उठाया गया एवं एससीआई, नान को निर्धारित चावल की मात्रा नही दी गई । सबसे बड़ा सवाल ये है की लगभग 38 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी केंद्र से उठाए गए धान कहा है क्यूंकि राइस मिल में धान का चावल भी उपलब्ध नही है। अब देखना होगा जांच टीम इस मामले का हल कैसे निकाल पाता है।

अपर कलेक्टर ने कही कार्यवाही की बात।

 

मामले की जानकारी अपर कलेक्टर एवं खाद्य अधिकारी अरुण मरकाम से ली गई उन्होंने बताया राइस मिल की जॉच की गई है। धान-चावल की अनुपलब्धता पर नोटिस दिया गया है। संतोषजनक जवाब नही मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।

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