जांजगीर चांपा विधानसभा में कांग्रेस ने व्यास नारायण कश्यप पर जताया भरोसा।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी किया गया। जिसमे जांजगीर चांपा विधानसभा क्षेत्र से व्यास नारायके ण कश्यप को अपना उम्मीदवार बनाया है। निश्चित ही यह काग्रेस पार्टी का एक बड़ा दांव है।
परंतु यदि एक समीक्षा के तौर पर कहा जाय तो व्यास के जिद्द के आगे काग्रेस हाईकमान ने घुटने टेक दिए।
सही मायने में व्यास नारायण कश्यप जांजगीर चांपा की राजनीति में जो पिछले तीन दशक से “नेता के बड़े समर्थक” का एक सिद्धांत प्रतिपादित हुआ था। उसके विरोध मे मजबूती से खड़े दिखे । पिछले चुनाव में स्पष्ट रूप से संदेश दिया कि मेरे व्यक्तित्व और मेरी भूमिका का निर्धारण प्रदेश या देश की राजधानी में बैठे लोग नही मैं और मेरे समर्थक करेंगे।
व्यास से पूर्व भी और साथ भी कई लोगो ने टिकट की मांग की। टिकट नहीं मिलने पर पुनः अपने नेताओ के मिजाज पुसी में लग गए । उनमें न आत्मविश्वास था, न ही उनके पास भरोसेमंद समर्थक जो हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हो सके।
व्यास नारायण कश्यप का भाजपा से बसपा और फिर कांग्रेस मे प्रवेश कर टिकट के लिए आवेदन करना अवश्य ही उनके विरोधियों द्वारा दलबदलु के रूप में छवि बनाते हैं। परंतु दोनो ही राष्ट्रीय पार्टियों को एवं जांजगीर चांपा के तथाकथित नेताओ को स्पष्ट संकेत है। राजनीति मे आने का फैसला मेरा था, तो मेरा राजनीतिक भविष्य का फैसला हाईकमान को मेरे द्वारा क्षेत्र में मेरे काम को देखकर करना होगा किसी की कृपा पर नहीं।
व्यास को मिली टिकट जीत की टिकट है। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि अगले सरकार मे व्यास नारायण कश्यप को लाल बत्ती की गाड़ी से जांजगीर चांपा की भूमि पर उतरते देखू।
व्यास की उम्मीदवारी निश्चय ही जांजगीर चांपा के राजनीतिक इतिहास का नया अध्याय है।