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विवाह के तीन माह बाद ही दहेज प्रताड़ना एवं मारपीट की रिपोर्ट लिखने से इंकार, स्वयं को हाई कोर्ट से भी ऊपर समझ रहे हैं थानेदार सीताराम

हाईकोर्ट का आदेश पूरे राज्य में है लागू: दहेज प्रताड़ना के मामले में अब पीड़िता के आश्रय क्षेत्र वाले थाने में होगी एफआईआर

पुसौर थाना प्रभारी को स्पेशल ट्रेनिंग की दरकार है , उनको बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के ही थानेदार बना दिया गया है,  ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उनके और उनके अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के कृत्य कह रहे हैं. एक ओर माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक रिट पिटिशन में फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ के डीजीपी को यह निर्देश दिया है कि दहेज प्रताड़ना के मामले में पीड़िता के आश्रय थाना क्षेत्र में ही एफआईआर दर्ज होगी, इस आर्डर की कॉपी माननीय हाई कोर्ट ने डीजीपी के माध्यम से  छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में पदस्थ एसपी को भेजने का निर्देश देने के साथ ही दहेज प्रताड़ना के मामलों  में थानेदारों को पर्याप्त प्रशिक्षण देने का निर्देश भी दिया है। अब इस निर्देश के बाद जहां पूरे छत्तीसगढ़ में सभी थानेदारों को यह बात अच्छी तरह से पता है कि दहेज प्रताड़ना की शिकार महिला जिस थाना क्षेत्र मैं रह रही है उसी थाने में उसकी शिकायत दर्ज कर ली जाएगी, वहीं पूरे प्रदेश के थानेदारों में सबसे अनूठे थानेदार पुसौर के थानेदार सीताराम ध्रुव हैं। अब दहेज प्रताड़ना के विषय पर उनका ज्ञान कम है, या फिर माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देश पर उन्हें प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया। दोनों ही स्थितियां उनके स्वयं के लिए और विशेषतः फरियादियों के लिए घातक है। यदि ऐसा है तो पुलिस डिपार्टमेंट की गलती है,  या प्रशिक्षण दिया गया है तो  फिर ये प्रशिक्षण के वक्त थानेदार साहब पीछे की बेंच में बैठकर सो रहे होंगे, यह भी हम नहीं कह रहे बल्कि उनके इस कृत्य को देख सुन कर लोगों के बीच में ऐसी चर्चा है, बहरहाल पीड़िता की शिकायत पुसौर थाने में नहीं लेने के बाद अब पीड़िता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को विवश हो रही है, सवाल यह है कि क्या हाई कोर्ट के पावर से बढ़कर पुसौर थानेदार का पावर है, जो हाई कोर्ट के आदेश को भी मानने से इनकार कर रहे हैं, क्या यह हाई कोर्ट की अवमनाना नहीं है और क्या ऐसे थानेदार को अपने पद पर बने रहने और वर्दी पर तीन सितारे लगाने का अधिकार है ?

हाईकोर्ट ने कहा- मानसिक प्रताड़ना साथ चलती है

– हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिला के साथ शारीरिक हिंसा भले ही कहीं हुई हो, लेकिन मानसिक उत्पीड़न उसके साथ-साथ चलती रहती है। इसलिए जहां भी महिला एफआईआर दर्ज कराए वहां की पुलिस ही मामले की जांच करे। पीड़िता जिस थाना क्षेत्र में निवास करती है उसी थाने की पुलिस मामले की विवेचना करेगी।

पुलिस जीरो में केस दर्ज करने के बजाए सीधे जुर्म दर्ज कर जांच शुरू करें

रायगढ़. दहेज प्रताड़ना के एक मामले मेें प्रीती शर्मा विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन डब्ल्यूपीसीआर 430/2020 के रिट पिटीशन में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस संजय के अग्रवाल के न्यायालय ने 23/11/2020 को एफआईआर के स्थानांतरण की याचिका पर महत्वपूर्ण आदेश दिया था । जिसके तहत जीरो में एफआईआर नहीं होगा साथ ही महिला जिस थाने में एफआईआर दर्ज पुलिस की ओर से कराती है उस थाने के अधिकारी को जांच करने का अधिकार है। यह आदेश राज्य के सभी जिलों में लागू है । हाई कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि वे सभी एसपी कार्यालय में आदेश की कॉपी भेजें और पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करें, जिससे वे शून्य के बजाय सीधे एफआईआर करें।

सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान

2017 में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने फैसले में धारा-498 ए में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। जिले में परिवार कल्याण समिति बनाने और समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। 2018 में सुप्रीम कोर्ट के के तीन जजों की कोर्ट ने सिविल सोसायटी की कमेटी बनाने की गाइडलाइन को हटा दिया है। इससे गिरफ्तारी तय करने का अधिकार पुलिस को वापस मिल गई। इस मामले में दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद का प्रावधान है। इसी तरह दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर तीन साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। यदि लड़की की विवाह के 7 साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है तो धारा 304-बी के तहत 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास हो सकती है।

दहेज प्रताड़ना और हत्या की साजिश मामले पर गंभीर नहीं पुसौर पुलिस, कहा हम नहीं ले सकते शिकायत पत्र…

रायगढ़. जिले की पुसौर पुलिस की अपनी अलग ही कानून की किताब है, जिसके अनुसार वह वजन तौलकर फरियादियों से बात और व्यवहार करती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि पुसौर पुलिस दहेज प्रताड़ना और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले की शिकायत करने आई पीड़िता की रिपोर्ट लिखना तो दूर  बल्कि इसकी लिखित शिकायत को भी लेने से इनकार कर दिया. पीड़िता  लगभग 5 घंटे थाने में बैठने के बाद वापस लौट आई. अपने साथ थाने में हुए अपेक्षा और दुर्व्यवहार की शिकायत अब वह उच्च अधिकारियों से कर रही है.

आपको बता दें कि दहेज प्रताड़ना IPC की धारा 498 ए की शिकायत पीड़िता जहां वर्तमान में जहां निवासरत है  वहां के थाने में की जा सकती है और ऐसी एफआईआर रायगढ़ जिले सहित पूरे देश भर में हो रही हैं, लेकिन पुसौर पुलिस की ट्रेनिंग में कमी और शिकायतकर्ता के रसूख को तौल कर बात करने वाली पुसौर थानेदार की पुलिस   ने पीड़िता को उल्टा ही सलाह दे कर रवाना कर दिया । ठीक इसी प्रकार के एक मामले में रायगढ़ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट दायर की गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध रिट को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया था कि वो अपने सभी थाना प्रभारियों कोखास तौर पर 498ए के संबंध में प्रशिक्षण दें। बावजूद इसके पुसौर पुलिस हाईकोर्ट के इस आदेश को बताने और दिखाने के बावजूद भी अनदेखा करते हुए आदेश की अवहेलना कर रही है।

पीड़िता ने अपने आवेदन में लिखा है कि –
मैं सुमन चौहान पति गोपाल चौहान उम्र- 21 साल, निवासी – छिछोर उमरिया, थाना व तहसील- पुसौर , जिला-रायगढ़(छ.ग.) की रहने वाली हूं। मेरा विवाह दिनांक- 03/05/2023 को गोपाल चौहान, पेशा – क्रेन ऑपरेटर (जेएसपीएल), कोकड़ीतराई, वार्ड नं- 11, थाना – कोतरारोड जिला-रायगढ़ के साथ हिन्दू रीति रिवाज से ग्राम छिछोर उमरिया में संपन्न हुआ था। मेरे पिता स्व. अशोक चौहान की मृत्यु के पश्चात् मेरे मामा रविशंकर चौहान व उनका परिवार मेरी देख-रेख करते हैं और उन्होंने ही मेरा विवाह कराया था व अपनी सामर्थ्य के अनुसार दहेज भी दिया था। विवाह के पश्चात् जब मैं अपने ससुराल कोकड़ीतराई गई तो वहां दहेज का सामान देख कर मेरे ससुराल वाले मुझे ताने देने लगे कि दहेज में बस इतना ही सामान लेकर आई है। तेरे मायके वालों की क्या इतनी भी औकात नहीं है कि मेरे कमाउ बेटे को एक पल्सर बाईक भी नहीं दिए। मैं अपने ससुराल वालों के दहेज उनके मन मुताबिक न लाने के ताने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती थी और चुप रहती थी। विवाह के लगभग 15 दिन बाद रात के लगभग 1.30 बजे मेरे पति के मोबाईल पर एक कॉल आया जिसके ट्रू कॉलर एप में गुड़िया बरेठ लिखा हुआ था। तब पति ने कहा कि मेरे दोस्त का कॉल है जब मैं यह पूछी कि इतनी रात में किस दोस्त का फोन है तो उसने कहा कि मेरी निजी जिंदगी में दखल न दो मैं घर वालों के दबाव में तुमसे शादी कर लिया हूं। विवाद बढ़ा तो उसने कहा कि मेरा गुड़िया बरेठ से पिछले 7 साल से संबंध है और मैं तुमसे एक बच्चा पैदा करने के बाद तुम्हें छोड़ दूंगा और गुड़िया बरेठ को ही अपने घर में रखूंगा ऐसा कहते हुए उसने मेरी हाथ-मुक्कों से पिटाई भी की। सुबह होने पर जब मैंने उक्त बातों को अपनी बड़ी ननद पूजा चौहान व मेरे ससुर संतूराम चौहान से बताई तो उन्होंने कहा कि तुम दहेज में पल्सर बाईक नहीं लाई हो इसलिए तुम्हारा पति तुमसे नाराज है और अब वह जैसा तुमको रखेगा वैसा सह कर यहां रहना पड़ेगा।
10 जुलाई 2023 जब पहला सावन सोमवार था उस दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि चलो एक दोस्त के बच्चे का बर्थडे पार्टी है, मैं उसके साथ गई तो वह मुझे कोकड़ीतराई में ही स्थित गुड़िया बरेठ के घर में ले गया और उससे मिलाते हुए कहा कि मैं इस गुड़िया बरेठ से प्यार करता हूं और तुमको छोड़ दूंगा। यदि तुम दोनों एक साथ मेरे साथ रहोगे तो ठीक है वरना तुम जहां जाना हो वहां चली जाओ, क्योंकि मैं गुड़िया बरेठ को किसी भी कीमत में नहीं छोड़ सकता हूं। इतने में दोनों एक कमरे में घुस गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। कुछ देर बाद गुड़िया बरेठ गुस्सा होकर मुझे और मेरे पति दोनों को गाली-गलौज करते हुए बाहर निकली और बोली कि मैं आत्महत्या कर लूंगी, नही ंतो तीनों में से किसी न किसी को जरूर मरना होगा, तब मेरे पति मुझे घर लेकर आ गए वहां पर मेरी बड़ी ननद पूजा, ससुर संतूराम चौहान, छोटी ननद जान्हवी, छोटी ननद सव्या सभी के सामने यह कहने लगे कि मुझे सिर्फ गुड़िया चाहिए जब मैंने उनकी इस बात का विरोध किया तो मेरे पति मुझे मारने लगे और उनके साथ मेरे ससुर, तीनों ननद ने भी बीच बचाव करने के जगह मुझे ही दोषी ठहराते हुए मेरी पिटाई करने लगे और कहा कि यदि तुम्हें यहां रहना है तो चुपचाप अपनी सौतन को भी अपने साथ रखो, जब मैंने कहा मुझे मेरे मायके वालों से बात करने दो तब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उस नर्क से निकलने के लिए और अपने साथ हो रहे दहेज प्रताड़ना एवं मारपीट से बचने के लिए मैं अपने मायके जाने का अवसर तलाष करने लगी लेकिन वो लोग मुझे घर से बाहर ही नहीं निकलने दे रहे थे। अगले ही दिन मैंने अपने पति से कहा कि मेरी भतीजी का जन्म दिन है वहां मुझे जाना है तो मेरे पति नेे कहा कि तुम दहेज में पल्सर तो लाई नहीं हो और तुम्हें मैं घुमाता फिराता रहूं और यह कहते हुए जाने से मना कर दिया। कुछ दिन बाद मैंने अपनी बड़ी ननद पूजा चौहान का मोबाईल लेकर उसके सामने ही अपने मामा के लड़के जीवन चौहान जो जम्मू में रहते हैं उनसे बात की और कहा कि आप लोगों से बात नहीं हो पाती तो एक मोबाईल भिजवा दो। तब मेरे भाई ने 17 जुलाई को एक मोबाईल अपने एक दोस्त से मेरे लिए भिजवा दिया। मुझे मोबाईल मिलने के बाद मौका देखकर अपने मामा और अपने भाई (मामा के लड़के) को ससुराल में बाईक की मांग करने और अपने साथ मार-पीट व पति का दूसरी औरत से संबंध होने की बात को बताई। तब दिनांक 19 अगस्त को मेरे भाई जीवन चौहान मामा को साथ लेकर मेरे ससुराल आए और वहां मेरे ससुर, मेरी तीनों ननद और मेरे पति गोपाल के साथ उक्त बातों को लेकर चर्चा हुई, मेरे भाई ने कहा कि हमलोगों ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया है और बिना पिता की लड़की को इतने प्यार से परवरिश कर विवाह किए हैं। इसको ठीक से रखो और दूसरी लड़की का चक्कर छोड़ो, लेकिन इतना कहने पर मेरे ससुराल वाले भड़क गए और उल्टा मुझ पर ही चारित्रिक लांछन लगाते हुए यह कहने लगे कि विवाह के पूर्व सुमन किसी लड़के के साथ भाग चुकी है और बाजा पार्टी में डांस करती थी, जब मेरे भाई और मामा ने कहा कि हमारी लड़की सही है पढ़ाई कर रही थी उसके उपर व्यर्थ का आरोप मत लगाओ, उसके पति गोपाल का जो कुछ है वह सब सामने है। मेरे मायके वालों ने कहा कि हम इस स्थिति में अपनी बेटी को यहां नहीं रखेंगे और मुझे घर लेकर आ गए।
अपने मायके छिछोर उमरिया में मैं लगभग 4-5 दिन रही। इस बीच मेरा पति अपने जीजा सागर चौहान के साथ मेरे मायके शराब पीकर आया और गाली-गलौज करते हुए मेरे मायके वालों से कहने लगा कि मैं अपनी पत्नी को ले जाउंगा तुम लोग जबरदस्ती लेकर आए हो, तब मैं अपने भाई व मामा के साथ थाना कोतरारोड गए जहां उक्त संबंध में शिकायत की थी और अपने मायके वापस आ गई। जन्माष्टमी के दिन सितम्बर 2023 में फिर से मेरा पति छिछोर उमरिया आया और अपनी गलती मानते हुए मेरे मायके वालों को यह आश्वासन दिया कि अब वह कभी भी न तो दहेज की मांग करेगा और न ही मारपीट करेगा साथ ही दूसरी लड़की का चक्कर भी छोड़ देगा। अपने पति की बातों में आकर मैं उसके साथ ससुराल जाने के लिए राजी हो गई, वहां से आते समय रास्ते में मेरी तीनों ननद व ससुर मिले और मुझे पुसौर थाना ले गए वहां मेरे ही भाई व मामा के खिलाफ मुझसे जबरन झूठी रिपोर्ट लिखवाना चाहते थे और कोतरारोड थाने में मेरे द्वारा पूर्व में की गई शिकायत  को वापस लेने का दबाव डाल रहे थे, लेकिन ऐसा करने से मैंने इंकार कर दिया। थाना पुसौर में उनका काम नहीं बना तो मुझे लेकर ससुराल आ गए और उनके कहे अनुसार झूठी शिकायत मामा और भाई के खिलाफ नहीं करने पर सभी लोगों ने मेरी पिटाई की जिसके चोट के निशान आज भी मेरे शरीर पर मौजूद हैं। दिनांक 16/09/2023 को भी ससुराल में मेरे पति, ससुर व पूजा चौहान सहित तीनों ननद एक साथ बैठे हुए थे और पूजा कह रही थी कि सुमन हमारे लिए मुसीबत बन सकती है इसलिए इसे रास्ते से हटाने के लिए इसकी हत्या कर आत्महत्या की तरह रस्सी से लटकाना होगा और यह सब आज रात में ही करना पड़ेगा। पूजा ने कहा कि मैं वकालत की पढ़ाई कर रही हूं, यह सब कैसे करना है मुझपर छोड़ दो किसी को कोई शक भी नहीं होगा. मैंने जैसे ही इन बातों को चुपके से अपनी कानों से सुना तो मैं बहुत डर गई और अपनी जान बचाने के लिए वहां से चुपचाप निकलने का मौका देखने लगी। जब शाम को 6 बजे घर में सिर्फ मेरी छोटी ननद सब्या चौहान घर में चावल धो रही थी और बाकी सदस्य घर से बाहर थे तब मैंने मौका पाते ही बिना कुछ लिए ही छुपते छुपाते अपने मायके छिछोर उमरिया के लिए निकल पड़ी और अपने मायके वालों को फोन कर मुझे लेने आने के लिए कहा और इस प्रकार मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर छिछोर उमरिया अपने मायके आ गई हूं।

थाना प्रभारी सीताराम ध्रुव ने नहीं उठाया फोन

पीड़िता की ओर से इस बात की जानकारी मिलने पर हमने पुसौर थाना प्रभारी सीताराम से 17 एवं 18 सितम्बर 2023 को उनके मोबाईल नं. 7974525500 पर कुल 3 बार बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने ना तो कॉल रिसीव किया और न हीं कोई रिप्लाई अब तक दिया है। .

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