
Damrua News/रायगढ. सरिया-पुसौर की जनता शुरूआत से ही भगवा रंग में रंगी दिखी है, जब 1980 में बरमकेला क्षेत्र के डॉ. शक्राजीत नायक पार्टी के जिला प्रमुख बने तो भाजपा ने उन्हें पूरे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करने की जवाबदारी भी डॉ. शक्राजीत नायक को दी और 1990 में पार्टी और क्षेत्र की जनता ने सारंगढ़ राजघराने के कमला सिंह को हराकर एक विधायक के रूप में डॉ. शक्राजीत नायक को अपना नायक चुना 1998 में वो दोबार विधायक बने, लेकिन 2008 में उन्होंने पार्टी ही बदल दी और अजीत जोगी के साथ हो लिए और कांग्रेस से विधायक बन गए। डॉ. नायक के पार्टी बदल लेने से अधिकांश चाहने वालों की भावनाएं आहत हुई , परंतु इसी दौरान सरिया क्षेत्र में प्रस्तावित शक्कर कारखाना की स्थापना की संभावना से लोगों के मन में एक नई उम्मीद जागी जो डॉ. नायक के कारण ही कभी स्थापित नहीं हो सका, ऐसा कहा जाता है कि स्वयं डॉ. नायक ने इस प्रस्तावित शक्कर कारखाना का विरोध कर दिया और यह प्रोजेक्ट यहां से उठकर सरगुजा चला गया। हां यह बात जरूर थी कि डॉ. नायक इन सब बातों के बावजूद सरिया में अपना जनता दरबार प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार को लगाते थे, इस दरबार में क्षेत्र के लोग अपनी समस्याएं लेकर आते थे और डॉ. नायक उन समस्याओं का हर संभव समाधान करने का प्रयास करते थे।
प्रकाश ने खत्म कर दी जनता दरबार की परिपाटी
क्षेत्र के लोगों की माने तो डॉ. नायक तक तो सब कुछ ठीक चला लेकिन जब उनके पुत्र प्रकाश नायक को लोगों ने इसी उम्मीद से अपना विधायक चुना तो उन्होंने अपने क्षेत्र की बागडोर स्वयं सम्भालने के बजाय अपने एजेंटों को दे दिया। एजेंट ठेकेदार और वसूलीबाज निकल गए, कमीशन खोरी चरम पर आ गई। इतना ही नहीं बल्कि सोनल जैन प्रकरण के मुख्य आरोपी अरूण शर्मा के हाथों ही की बागडोर दे दी और विधायक के स्थान पर अरूण ही क्षेत्र के मुखिया बन गए और कार्य करते रहे लेकिन इनके कार्य कलापों से लोग संतुष्ट नहीं हुए और अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि विधायक को ही बदलने के लिए 2023 के चुनाव का इंतजार करने लगे। डॉ. शक्राजीत नायक से लेकर प्रकाश नायक तक को अपना नेता चुना लेकिन नायक परिवार क्षेत्र की जनता के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, यही कारण है कि अब पूरे क्षेत्र ने अपना नायक बदलने का मूड बना लिया है ।
सरिया पुसौर की जनता को कुछ दिया नहीं, जिला भी छीन लिया
नायक परिवार की लंबी सरपरस्ती में रहने के बाद भी इस क्षेत्र की जनता को कुछ हासिल नहीं हुआ। सरिया और पुसौर को किसी भी प्रकार की पहचान तो दिलाई नहीं गई और उन्हें जानबूझकर पिछड़े ही रहने दिया गया ताकि वो हमेशा उनकी सरपरस्ती में ही बने रहें। इतना ही नहीं बल्कि जो पहले से उन्हें हासिल था उसे भी छीन लिया गया। रायगढ़ जिले से उनका नाता ही तुड़वा दिया, हां शायद डॉ. शक्राजीत नायक होते तो वो सरिया को सारंगढ़-बिलाईगढ़ में जाने से रोक लेते , लेकिन उनके सुपुत्र प्रकाष नायक इस क्षेत्र के नायक तो बन गए लेकिन रियल नायक के भरोसे पर खरे नहीं उतर सके, ऐसा लोगों का कहना है। इसलिए 2023 के चुनाव का बड़े बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों ने परिवर्तन का मूड बना लिया है इस प्रकार की खबरें निकल कर सामने आ रही हैं।
एक किसान का वीडियो भी हो रहा वायरल
सरिया क्षेत्र के एक किसान नेता का भी वीडियो इन दिनों जम कर वायरल हो रहा है, जिसमें किसी पत्रकार के पूछे जाने पर वो मुख्यमंत्री को तो 10 में 10 नंबर दे रहा है लेकिन अपने विधायक प्रकाश नायक को साढ़े 3 नंबर देता है। उसका कहना है कि विधायक ने उनके क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया।