
- पटवारी के असिस्टेंट पर 8 हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप, न्यायधानी के पहले ऐसे वकील जो पक्षकार के लिए फांसी लटकने तैयार
- वकील ने कहा – पटवारी के असिस्टेंट को पक्षकार ने 8 हजार रूपए रिश्वत दिए है।
- पटवारी ने कहा – वकील ने जिस ब्यक्ति के लिए फांसी लगाना चाहा वो वकील का पक्षकार ही नही, दबाव बनाकर कराना चाहते थे काम इसीलिए फांसी लगाने का किये है नाटक
डमरुआ न्युज/बिलासपुर। बिलासपुर तहसील में अधिवक्ता संतोष कुमार यादव ने फांसी लगाना चाहा हालांकि अधिवक्ता को तहसील परिसर में मौजूद लोगों ने बचा लिया, अधिवक्ता का आरोप है कि उनके पक्षकार ने खमतराई पटवारी सुजीत कुमार देहरी के असिस्टेंट को दुतीय पर्ची के लिए 8 हजार रुपए नगद रिश्वत दिए है। इसके बाद भी पटवारी के द्वारा उनका काम नही किया गया, और दुतीय पर्ची के लिए वकील को बार – बार घुमाया जा रहा था ।
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पटवारी पर पर्ची घुमाने का आरोप
खमतराई पटवारी सुजीत डहरी पर वकील संतोष यादव ने पर्ची घुमाने का आरोप भी लगाया है इस आरोप को भी खमतराई पटवारी ने गलत करार दिया है। पटवारी ने बताया कि बिना आवेदन के पर्ची बनाने बोला गया बिना शासकीय प्रक्रिया के दुतीय पर्ची जारी करने का अधिकार नही है। वकील जिस ब्यक्ति के दुतीय पर्ची के लिए दबाव बना रहे है उसका 1 साल पहले आदेश हो चुका है बिना मार्किंग किये पर्ची में कैसे जारी कर देता, शराब पीकर मुझे गाली दिए है प्रेसर बनाकर काम करा लेंगे सोच रहे है वकील साहब फांसी नही लटक रहे थे फांसी लटकने का नाटक कर रहे थे
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रिश्वत लेने-देने का सबूत नही
खमतराई पटवारी पर उनके असिस्टेंट को 8 हजार रुपए रिश्वत देने का आरोप लगा है। इस संबंध में मीडिया ने वकील संतोष यादव से सबूत मांगा तो उन्होंने सबूत नही होना बताया और यह भी बताया कि रिश्वत उनके पक्षकार ने वकील के असिस्टेंट को दिए है पक्षकार न्यायालय में खड़े होकर बोलने के लिए तैयार है
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पटवारी ने वकील के आरोपों को निराधार
खमतराई पटवारी ने वकील के आरोपों को निराधार बताया है। पटवारी ने मीडिया से कहा वकील ने जब तहसील में वकालत नामा पेश ही नही किया तो दुतीय पर्ची के आवेदक उनके पक्षकार कैसे होंगे, पर्ची बिना तहसीलदार साहब के आदेश हम जारी नही कर सकते है। फिर भी लगातार दबाव बनाया जा रहा था तहसील में दबावपूर्वक काम नही किया जाता है यहाँ न्यायालय के आदेश अनुसार काम किया जाता है। खमतराई पटवारी सुजीत कुमार ने अधिवक्ता के आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए खुद न्याय की मांग की है।
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पटवारी ने अधिवक्ता पर लगाया जातिसूचक व अश्लील गाली देने का आरोप
खमतराई पटवारी के द्वारा अधिवक्ता संतोष यादव पर जातिसूचक व अश्लील गाली देने का आरोप लगाया गया है। तहसील परिसर में ऑन ड्यूटी झूमा झटकी व जान से मारने की धमकी के आरोप को लेकर पटवारी ने अजाक थाना को लिखित आवेदन दिए है। पटवारी ने अजाक थाना को लिखा है; 12;30 बजे मैं कार्यालीन कार्य से तहसील कार्यालय बिलासपुर गया हुआ था, उस दौरान वहाँ पर उपस्थित संतोष कुमार यादव अधिवक्ता द्वारा न्यायालय परिसर में हंगामा करते हुए ऋण पुस्तिका की दुतीय प्रति बनाने के संबंध में बताया गया व आवेदन में दस्तखत लेकर तहसीलदार महोदय से मार्किंग कराया गया। किंतु संतोष कुमार यादव द्वारा नियम विरुद्ध ऋण पुस्तिका की दुतीय प्रति तुरंत बनाकर दो कहते हुए मुझ पर पैसा लेने का आरोप लगाते हुए मुझे अबे आदिवासी तू सबसे बड़ा (माँ की गाली समाचार में नही लिखा जाता) है, तेरा बाप भी बनाकर देगा जैसे जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग करते हुए झूमा झटकी व जान से मारने तथा देख लेने की धमकी देने लगा। जिससे मैं भयभीत व अति क्षुब्ध हो गया। तहसील परिसर में भीड़ में संतोष कुमार यादव द्वारा बिना गलती के इस प्रकार अशोभनीय गाली गलौच करने के कारण मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुचा है।