
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की तीन याचिकाएं खारिज कर दी हैं। संजीव भट्ट ने ड्रग्स जब्ती के मामले को लेकर यह याचिकाएं दायर की थीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को खारिज कर दिया और हर याचिका पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने माना कि याचिकाकर्ता द्वारा बार-बार सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जा रहा था। जिससे नाराज होकर पीठ ने याचिकाकर्ता को तीन लाख रुपये गुजरात अधिवक्ता संघ में जमा करने का आदेश दिया।
बता दें कि संजीव भट्ट द्वारा दायर याचिकाओं में से एक में मांग की गई थी कि ड्रग्स जब्ती मामले की सुनवाई किसी अन्य निचली अदालत में स्थानांतरित किया जाए। संजीव भट्ट ने ट्रायल कोर्ट के जज पर मामले में पक्षपात करने का आरोप लगाया। अन्य याचिका में भट्ट ने उनके द्वारा दायर आवेदनों को ट्रायल कोर्ट द्वारा खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी।
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क्या है ड्रग्स जब्ती मामला
उल्लेखनीय है कि साल 1996 में राजस्थान के पालनपुर में एक वकील के होटल के कमरे से ड्रग्स जब्त हुई थी। बासनकांठा पुलिस द्वारा वकील को गिरफ्तार किया गया था। उस समय संजीव भट्ट बासनकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे। हालांकि बाद में राजस्थान पुलिस ने दावा किया कि वकील के कमरे में ड्रग्स रखकर उसे फंसाया गया था। भट्ट की टीम ने वकील के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया और संपत्ति विवाद में वकील को परेशान करने के लिए ऐसा किया गया था।