
डमरुआ डेस्क/ प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को राज्य सूचना आयोगों में मंजूर पदों, रिक्तियों और वहां लंबित मामलों की कुल संख्या सहित कई पहलुओं पर सभी राज्यों से सूचना इकट्ठा करने को कहा। चीफ जस्टिस ने झारखंड, त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे राज्यों में राज्य सूचना आयोगों का कामकाज ठप्प पड़ जाने की दलील पर गौर किया। कोर्ट ने कहा कि 2005 का सूचना का अधिकार कानून निष्प्रभावी हो जाएगा।
कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तीन हफ्तों का वक्त दिया। इसके बाद कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका उसके बाद सुनवाई के लिए मुल्तवी कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईसी और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को समय पर भरने सहित अन्य संबद्ध मुद्दों पर शीर्ष कोर्ट का 2019 के फैसले का केंद्र और राज्यों द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है।
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: 10 नवंबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट 10 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें मथुरा की अदालत में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। हाईकोर्ट के 26 मई के आदेश को चुनौती देने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह द्वारा दायर याचिका को जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया। इससे पहले शीर्ष कोर्ट ने 3 अक्तूबर को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से उन सभी मुकदमों के बारे में अपेक्षित जानकारी पेश करने को कहा था, जिन्हें 26 मई के आदेश के अनुसार स्थानांतरित किया जाना था। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि उच्च न्यायालय की ओर से एक हलफनामा दायर किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इस पर गौर करेंगे। हम देखना चाहेंगे कि उच्च न्यायालय क्या कहना चाहता है।