
रायगढ़। रायगढ़ विधानसभा चुनाव होनें में अब कुछ ही बचे हुए हैं ऐसे में ऐसे में अलग-अलग पार्टी के नेता अपनी-अपनी पार्टी से दावेदारी पेश करने जी तोड़ मेहनत करने लगे हैं। अगर हम रायगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां की सीट में भाजपा के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल के बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का खामियाजा पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा और कांगे्रस ने यहां एकतरफा जीत हासिल कर प्रकाश नायक विधायक चुने गए थे। रोशनलाल अग्रवाल के आकस्मिक निधन के कुछ माह बाद विजय अग्रवाल पुनः भाजपा में प्रवेश कर चुके है और ऐसे में इस बार के चुनाव में वे पुनः टिकट की मांग कर सकते हैं वैसे रायगढ़ विधानसभा में भाजपा के संभावित टिकट के उम्मीदवार की बात करें तो इनमें सुनील रामदास का नाम भी शामिल है ।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांगे्रस दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने टिकट के लिये दावेदारी करते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर चुके है। भाजपा को पिछले चुनाव में पूरे के पूरे पांचो विधानसभा सीट में करारी हार का सामना करने के बाद इस बार के विधानसभा चुनाव में वे हर हाल में जीत हासिल करना चाहेगी। ऐसे में भाजपा इस बार के चुनाव में बागी और बाहरी तथा पुराने चेहरों को छोड़कर गांव-गांव व शहर के हर गली-मोहल्लों के बड़े बुजुर्गो व युवाओं में लोकप्रिय व चर्चित नये चेहरे पर दाव खेल सकती है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस बार के चुनाव में रायगढ़ विधानसभा से युवा भाजपा नेता व समाजसेवी सुनील रामदास की टिकट फायनल है।
राजनीतिक पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि सुनील रामदास रायगढ़ ही नही अपितु पूरे प्रदेश में कोई परिचय के मोहताज नही हैं। सुनील रामदास के सराहनीय कार्य व समाजसेवा के चर्चे पूरे जिले में विख्यात है। इस स्थिति में अगर उन्हें भाजपा से रायगढ़ विधानसभा की सीट मिलती है तो वे अपने प्रतिद्वंद्वी को ऐतिहासिक मतों से परास्त कर विजय हासिल कर फिर से जिले में भाजपा का परचम लहरा सकते हैं। जबकि किसी अन्य नेता को अगर पार्टी टिकट देती है तो भाजपा को फिर से गुटबाजी का सामना करना पड़ेगा और एक बार फिर रायगढ़ विधानसभा की सीट हाथ से निकल जाएगी, इस बात से इंकार नही किया जा सकता। वहीं अगर सुनील रामदास को टिकट दिया जाये तो पूरा का पूरा भाजपा एकजुट होकर कार्य करेंगे और इसका नतीजा भी बेहतर देखने को मिल सकता है।