
सारंगढ़।।जिला गठन के बाद सारंगढ़ के पुराने सट्टा खाईवालों का काला कारोबार ठप पड़ गया है .आलम यह है कि पुलिस कप्तान के डर से पुराने सभी बड़े सट्टा खाईवाल काम बंद कर चुके है ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योंकि शहर में इसकी चर्चा होती रहती है ।हालांकि कुछ छोटे खाईवाल अभी भी चोरी छिपे अंक गणित के काले कारोबार का संचालन कर रहे है ।लेकिन शहर में सूत्रों बता रहे है कि सट्टा किंग संदीप बिना किसी भय के बृहद स्तर पर सट्टा का कारोबार फिर से नगर सहित ग्रामीण इलाकों फैला रहा है इसके नुमाइंदे रोजाना करीब 10 लाख रुपये का कलेक्शन दे रहे है जिससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है कि यह सट्टा किंग कोई मामूली नही है बल्कि इसको कही न कही राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है तभी तो पुलिस कप्तान से डर कर पुराने खाईवालों ने काम बंद कर दिया लेकिन संदीप का काम अब भी और बेहद बृहद स्तर पर जारी है ।हालांकि हम इसे पुलिस की नाकामी नही कह सकते बल्कि इस सट्टा किंग के गिरेबां तक पुलिस के हाथ पहुँचने के लिए पुलिस को इस बात से आगाह जरूर कर सकते है कि सट्टा किंग संदीप ऊपर स्तर के काले कारोबार को पूरे सारंगढ़ क्षेत्र में मकड़जाल की तरह फैलाये इससे पहले जाल बनाने के इसके मंसूबे पर पानी फेर दिया जाना बेहद जरूरी हो गया है .जरूरी इस लिए की सट्टा के खेल में युवाओ का भविष्य अंधकार मय हो रहा है यही नही हमारे सूत्र बताते है कि सट्टा के गिरफ्त में घर की गृहणियां भी अब आ रही हैं जिसके चलते परिवारों में कलह बढ़ती जा रही है ।सट्टा के चलते पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अस्मर्थ होने लगे है पति पत्नी के बीच दरारे पैदा हो रही है आय दिन कोर्ट में तलाक जैसे केश देखे जाते है जिसमे नुकशान पति और पत्नि सहित बच्चो का हो रहा है ।लिहाजा सट्टा किंग संदीप के साम्रज्य को ध्वस्त करना अतिआवश्यक हो गया है ।