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सड़क नही तो वोट नही, दुर्गम पहाड़ो के बीच जर्जर सड़क आने जाने में होती है परेशानी

25 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुँचते है ग्राम पंचायत

डमरुआ न्युज/लैलूंगा– आजादी के बाद भी कई गांव आज भी गुलामी की जिंगदी जीने मजबूर है सरकार और सरकार के लोग विकासशील छत्तीसगढ़ राज्य की डंका बजा रहे है। पर जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बया कर रही है जी हां हम बात कर रहे रायगढ़ जिले के लैलुंगा विधानसभा क्षेत्र की जहां विकासखंड लैलूंगा से 50 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव जहां आज तक नही पहुँच पाई पक्की सड़क गांव के अंदर कांक्रीट सड़क तो बना दिये गए है लेकिन गांव तक पहुचने के लिए सड़क नही है घने जगलो के बीच मे दुर्गम पहाड़ो वाली सड़क जो पूरी तरह उबड़ खाबड़ है जिसमे वाहनों से जाने आने में एक एडवेंचर हिस्सा जैसे प्रतित होता है इसमे ग्रामीणों को रेंगने में काफी परेशानी होती है इस गांव का नाम है हल्दीझरिया यह गांव ग्राम पंचायत तोलगे का आश्रित ग्राम है इस ग्राम को पहुचने के लिए हमने लैलुंगा जनपद मुख्यालय से 30 किलोमीटर का खस्ताहाल सड़कों से सफर कर ग्राम पंचायत तोलगे पहुचे जहां से इस आश्रित ग्राम के लिए निकल पड़े ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक जाने के लिए और 25 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा क्यूंकि जंगलों से होकर जाने वाली सड़क में चार पहिये वाहन नही जा सकते हमारी टीम 25 किलोमीटर सफर करके आखिर कार उस गांव तक पहुच गई पर उस गांव तक पहुचने में हालत हमारी पस्त हो गई मन कर रहा था गाड़ी कहि रास्ते मे छोड़ कर पैदल यात्रा कर ले कियूं की सड़क बहुत खराब थी खड़ी चढ़ाई तो कही भारी ढलान जब उस गांव में पहुचे तो पता चला कि यहां ग्रामीणों ने पहले ही बैठक कर लिए है कि हमारी समस्याओं को सुलझाने अब क्या करना जब हमने समस्याओं के बारे जानने की कोशिश की तो एक स्वर में सभी ने कहा कि यहां समस्याएं बहुत है और सबसे बड़ी समस्या है.

सड़क गांव के अंदर सड़को पर लगे खम्बों में लाइट नही स्ट्रीट लाइट लगाए है पर कोई काम का नही स्कूलों की हालत खराब है शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है तलाबों में एक पचरी तक नही है पानी की सुविधा सही ढंग से नही है सड़को की समस्याओं के लिए विधायक के पास गुहार लगाते रह गए पर किसी ने उफ तक नही किये। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क नही बनेगी तब तक हम वोट नही करेंगे चुनाव वहिष्कार करने की बात कही ग्रामीणों का यह भी मांग है की हल्दीझरिया को लैलूंगा विकासखंड से हटा कर तमनार विकासखंड में जोड़ कर हिंझर पंचायत का हिस्सा बना दे या पंचायत अलग कर दिया जाए तमनार पहुचने में आसानी होगी पास भी है ग्राम पंचायत तोलगे पहुचने में जितना दूरी तय करना पड़ता है उतनी दूरी में जनपद मुख्यालय तमनार पहुचा जा सकता है आपको बता दे कि इस गांव में थाना सम्बंधित मामलों में तमनार पुलिस के एरिये में आता है।

ग्रामीणों का किसी भी जनप्रतिनिधियों पर भरोसा नहीं हो पा रहा है कियूकी चुनाव के दौरान वादा सब करते है पर पूरा कोई नही करता है भाजपा ,कांग्रेस दोनों पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है दोनों पार्टियों के लिए यहां गांव अब एक चुनौती भरा होगा भाजपा से पूर्व मंत्री की पत्नी पूर्व विधायक सुनीति राठिया को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने वर्तमान विधायक रहे चक्रधर सिंह सिदार का टिकट काट कर विद्यावती सिदार को मैदान पर उतारा है जनता अब किस पर भरोसा करेगी और अपना मत अधिकार किसके झोली में डालेगी यह होने वाले चुनाव पर देखने को मिलेगा। राठिया ,गोड़ और अन्य समाज मिलाकर लगभग 500 की जनसंख्या है और वोटर लगभग 300 है 300 वोटरों को किस तरह दोनो प्रत्याशी भरोसा देते है और चुनाव वहिष्कार को लेकर क्या रणनीति तैयार होती है यह देखने वाली बात है।

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