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पटाखा दुकानों में केवल हरित पटाखों का विक्रय एवं उपयोग की होगी अनुमति

रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक पटाखों का विक्रय पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा

डमरुआ न्युज/रायगढ़– कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जिले में संचालित सभी स्थायी एवं अस्थायी पटाखा दुकानों में आग से बचाव के संबंध में एडवाइजरी जारी किया गया है। जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि आतिशबाजी अज्वलनशील सामग्री से बने शेड/भवन में रखी जाएगी, जो कि बंद और सुरक्षित होगी जिससे कि उसमें अप्राधिकृत व्यक्तियों की पहुंच को रोका जा सके। कोई भी तेल से जलने वाली लैंप, गैस लैंप या खुली रोशनी शेड में या रोशनी करने के प्रयोजन के लिए शेड के सुरक्षा दूरी के भीतर प्रयोग नहीं की जाएगी। यदि कोई विद्युत रोशनी प्रयुक्त होती है तो उसे दीवार या छत पर स्थिर किया जाएगा और उसे नम्य तार द्वारा लटकाया नहीं जाएगा।

अनुज्ञप्तिधारी और उनके कर्मचारी परिसर के भीतर आपातकाल के दौरान की जाने वाली प्रक्रियाओं से भलीभांति परिचित होंगे। किसी निरीक्षण या नमूना अधिकारी को अनुज्ञप्त परिसर पर सभी समयों पर पहुंच प्राप्त होगी और ऐसे अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी सुविधाएं दी जाएगी कि सभी नियमों और अनुज्ञप्ति की शर्तो का सम्यकत: अनुपालन किया जा रहा है। यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी अनुज्ञप्तिधारक को अनुज्ञत परिसरों या मशीनरी, टूल या उपकरण में ऐसी कोई मरम्मत या परिवर्धन या परिवर्तन करने या सिफारिशों को लागू करने को लिखित रूप में सूचित करता है जो ऐसे प्राधिकारी की राय में अप्रतिग्राहय जोखिम कर सकता है और जो परिसर के अंदर या बाहर या व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, अनुज्ञप्तिधारक सिफारिशों को निष्पादित करेगा और विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर अनुपालन रिपोर्ट ऐसे प्राधिकारी को देगा।

अग्नि या विस्फोट द्वारा दुर्घटनाओं और विस्फोटकों की हानि, उसमें कमी या चोरी की रिपोर्ट निकटतम पुलिस स्टेशन और अनुज्ञापन प्राधिकारी को तुरंत दी जाएगी। अनुज्ञप्तिधारी रखने और दुकान से ब्रिकी के लिए प्राधिकृत विस्फोटक सूची में यथा उल्लिखित प्राधिकृत आतिशबाजी अनुज्ञत फैक्टरी या कंपनी से खरीदेगा। क्लोरेटयुक्त आतिशबाजी, रंग, स्टार माचिस अन्य प्रकार के आतिशबाजियों से ऐसे मध्यवर्ती विभाजक पदार्थ और कैरेटर ऐसे मध्यवर्ती स्थान अलग की जाएगी, साथ ही एक दूसरे संपर्क में आने से अग्नि या विस्फोट को प्रभावी रूप से रोका जाएगा। आतिशबाजी की सभी बिक्रियां शासन द्वारा निर्धारित परिसर में ही की जाएगी। कोई भी आतिशबाजी, जिसमें क्लोरेट अंतर्विष्ट है, सिवाय कागज कैप या एर्मोसेस या रंगीन माचिस या मुख्य नियंत्रक द्वारा अनुमोदित आतिशबाजी के परिसर में नहीं रखी जाएगी। अनुज्ञप्तिधारी स्टाक में और बिक्री किए गए सभी विस्फोटकों का निर्धारित प्रारूप में अभिलेख और लेखा रखेगा जैसा कि अनुज्ञापन प्राधिकारी उसे समय-समय पर निर्देश दे और इन नियमों के अधीन प्राधिकृत किसी अधिकारी को, जब ऐसा अधिकारी उसे ऐसा करने के लिए कहे, अपना स्टॉक और अपनी पुस्तकें और अभिलेख प्रदर्शित करेगा। कोई भी आतिशबाजी जो अधिक ध्वनि उत्पन्न करने में समक्ष हो, परिसर से भंडारण या परिसर से बिक्री के लिए नहीं रखी जाएगी। अनुज्ञप्ति केवल नामांकित धारक हेतु वैध होगा। शासन द्वारा निर्धारित स्थल पर फटाखों के रखने/विक्रय की अनुमति होगी। सुरक्षा की संपूर्ण जवाबदारी अनुज्ञप्तिधारी की होगी। विक्रय स्थल पर अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य होगा। विदेशी मूल के आतिशबाजी की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसी तरह अस्थायी दुकानों में 6 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखों का विक्रय किया जा सकेगा। रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक पटाखों का विक्रय पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। लायसेंसधारियों को दुकानों में जारी लायसेंस का प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

  • कलेक्टर गोयल के निर्देश पर फटाखा विक्रेताओं के लिए जारी हुए विशेष गाईड लाईन्स

लायसेंसधारियों को विधानसभा निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए आदर्श आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य होगा। लायसेंसधारियों को केवल हरित पटाखों का विक्रय एवं उपयोग की अनुमति होगी। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। लायसेंसधारियों को पटाखा विक्रय के लिए कपड़े अथवा जूट से बने थैले, इकोफ्रैण्डली एवं बायोडिग्रेडेबल का ही उपयोग करना होगा। सुरक्षा की संपूर्ण जवाबदारी अनुज्ञप्तिधारी की होगी। विक्रय स्थल पर प्रत्येक दुकान में आग से बचाव के लिए न्यूनतम 5 किलो ग्राम पोर्टबल फायर एक्सटिंगविशर एवं दो बाल्टी रेत तथा दो बाल्टी पानी का इंतजाम कर रखना अनिवार्य होगा। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से सभी लायसेंसधारियों से अपील/अपेक्षा की जाती है कि तहसील/नगर क्षेत्र में स्थित शासकीय आश्रम व छात्रावास परिसर में जो कि पूर्णत: बाउण्ड्रीवाल युक्त हो, में न्यूनतम 10 पेड़ (प्रजातिवार 2-2 पेड़, चार फीट तक या उससे अधिक बड़े)लगाने होंगे। जिसे मेटल अथवा लोहे की गार्ड से संरक्षित भी करना होगा। साथ ही निम्न प्रजातियों जैसे आम, मुनगा, नीम, जामुन, पपीता, इमली, अमरूद एवं कटहल के पेड़-पौधे लगाये जा सकते है।

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