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पहाड़ मंदिर के पीछे करीब साल भर पूर्व अजय अग्रवाल द्वारा की गई अवैध प्लाटिंग…..

डमरुआ डेस्क/रायगढ़। विदित हो कि पहाड़ मंदिर के पीछे करीब साल भर पूर्व अजय अग्रवाल द्वारा अवैध प्लाटिंग की गई थी। इसमें तत्कालीन एसडीएम वाईके उर्वशा ने जांच के बाद खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में मेडिकल का कारण बताते हुए आवेदन दिया गया और बिक्री की अनुमति लेकर करीब 12-15 प्लाट को विक्रय कर दिया गया। अब इसी ग्रुप ने उक्त अवैध प्लाटिंग से जुड़े भूमि में नए सिरे से एक और अवैध प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इस बार उक्त भूमि किसी विपुला पांडेय व कुछ अन्य लोगों के नाम पर बताया जा रहा है। करीब एक एकड़ से अधिक की भूमि को पूरी तरह से समतलीकरण कर बकायदा प्लाट के बीच में सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

सड़क व नाली निर्माण किया जा रहा है। जबकि तहसील से न तो विकास अनुज्ञा लिया गया है न ही रेरा में अभी तक उक्त कालोनी के लिए एप्रुवल लिया गया है। नियम कानून को ताक पर रखते हुए अवैध प्लाटिंग करते हुए उसका विक्रय भी शुरू कर दिया गया है और राजस्व विभाग के अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं। अवैध प्लाटिंग के इस खेल में राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का खुले रूप से सह भू-स्वामियों को मिल रहा है जिसके कारण अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करने के बजाए उल्टे उनको संरक्षण दिया जा रहा है। यही कारण है कि एक ही स्थान पर एक साल के भीतर दो-दो अवैध प्लाटिंग कर दिया गया है।

  • 700 रुपए वर्गफीट की दर से हो रही बिक्री

मौके पर चस्पा किए पोस्टर में प्रमोद बेरीवाल का नाम व मोबाइल नंबर चस्पा किया गया है। उक्त नंबर पर जब उपभोक्ता बनकर बात की गई तो प्रमोद बेरीवाल ने पहले तो 700 रुपए वर्गफीट के हिसाब से प्लाट विक्रय करना बताया। साथ ही यह भी बताया कि कुछ प्लाट ही उपलब्ध है शेष प्लाट विक्रय हो चुका है। जब रेरा से एप्रुवल के बारे में पुछा गया तो रेरा से एप्रवुल न होना बताया गया।

पंडरीपानी में अवैध प्लाटिंग की जानकारी मुझे नहीं है। इस क्षेत्र में रेरा से एप्रुवल के लिए लगा है या नहीं इस बारे में तो जानकारी नहीं है, लेकिन विपुला पांडेय के नाम पर दर्ज भूमि का डायवर्सन जरूर हुआ है। उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर मामले की जांच की जाएगी।

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