
सारंगढ़।।सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर भले ही लाख दावे किए जाते रहें, कि जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जाएगा। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। सारंगढ़ जिले में आबकारी विभाग के वसूली वाले कारनामे आए दिन सामने आ रहे हैं। सारंगढ के पास टीमरलगा गांव में शराब पकड़ने के नाम पर आबकारी की टीम ने एक ग्रामीण से 40000 हजार रुपये झटक लिए।
यह बात सही है कि सारंगढ़ जिले के अधिकांश गांवों में अवैध रूप से शराब बनती है और इसे बेचा जाता है। जिन लोगों को शराब बनाने की छूट मिली हुई है वह भी आबकारी विभाग की टीम का कोप भाजन बन चुके हैं हाल में ही एक मामला सामने आया है जिसमें टीमरलगा के पास एक होटल में शराब पकड़ने के लिए पहुंची आबकारी की टीम ने कार्रवाई नहीं करने की शर्त पर एक बार 30000 हजार बड़ी आसानी से हासिल कर लिए।जबकि दूसरी बार 10000 हजार की पेशगी मिली। इस पूरे मामले की जानकारी पीड़ित ने स्वयं बताया है।
कर्ज लेकर देना पड़ा रुपये
हालही में टीमरलगा में आबकारी विभाग के द्वारा अवैध शराब बेचने की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई इस तरह की सूचना मिली है। ऐसे मामलों में दो प्रकार के विकल्प दिए जाते हैं या तो केस बनाओ या रफा दफा करो। दूसरी शर्त के मतलब होते हैं भारी भरकम रुपयों की व्यवस्था करो। कार्रवाई के पचड़े से बचने के लिए लोग या तो जमीन गिरवी रखकर व्यवस्था करते हैं या तो कर्ज लेकर। पता चला कि मौजूदा घटनाक्रम में संबंधित व्यक्ति ने कर्ज लेकर पहले 30000 हजार और दूसरी बार 10000 हजार की व्यवस्था थी और इसे आबकारी विभाग की टीम को समर्पित कर दिया। हालांकि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। कहा तो यह भी जाता है कि ऐसे मामलों से ही बड़े लक्ष्य की पूर्ति संभव हो पाती हैं इसलिए इतना रिस्क लेना तो बनता ही है। शायद इसी लिए तमाम मामलों के सामने आने पर भी दोषियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती।
इसे भी पढ़े…..